चतुर्भुज किसे कहते हैं ? चतुर्भुज के प्रकार

  चतुर्भुज किसे कहते हैं ? चतुर्भुज के प्रकार

               -: विषय सूचि :- 


(1 ) चतुर्भुज किसे कहते है ?

(2 )चतुर्भुज के प्रकार 

(3 ) चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योगफल 360 ° होता है। 

(4 )  समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है|  

(5 ) समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख कोण बराबर होते है। 

(6 ) प्रत्येक विकर्ण समान्तर चतुर्भुज  को समद्विभाजित करता है  

(7 ) एक समानान्तर चतुर्भुज के विकर्ण  एक दूसरे को समद्विभाजित करते है।  


(8 )निष्कर्ष 

प्रियः मित्रो , परीक्षार्थियों एवं पाठको Ab expert study   मेंहै  आपका स्वागत है । पिछले Article  में समद्विबाहु  

त्रिभुज किसे कहते हैं ? तथा  उनके प्रमेय  के विषय में विस्तार से अध्ययन किया था । आज इस Article  में आपके 

दैनिक जीवन  एवं परिवेश में विभिन्न  आकारों की अनेक वस्तुएँ देखते है जिनके तल चार भुजाओं से घिरे होते है 

,जैसे -पुस्तक ,दरवाजे ,कमरे की छत इत्यादि। इन सभी वस्तुओँ के तल चार भुजाओं से घिरे आकृत को क्या कहते 

है अर्थात चतुर्भुज किसे कहते है ,उनके प्रकार एवं गुणों का अध्ययन करेंगे।  


 (1 ) चतुर्भुज किसे कहते है ?

  चार रेखाखण्डो से घिरी बंद समतल आकृति चतुर्भज कहलाती हैं। ABCD आकृति एक चतुर्भुज को दर्शाती है। 

यह चार रेखाखण्डो  AB,BC,CD एवं  DAसे  घिरा है ,जिन्हें चतुर्भुज की भुजाएँ कहा जाता है | 


Figure-1,  में  भुजा AB ,AD ,भुजा AB ,BC ,भुजा BC ,CD तथा भुजा CD ,DA को संलग्न भुजाएँ कहते है। जिस 

बिंदु पर संलग्न भुजाएँ एक -दूसरे को कटती है उसे शीर्ष कहते है। बिंदु A,B,C और  D इसके चार शीर्ष हैं। 

किसी चतुर्भुज के सम्मुख शीर्षों को मिलाने वाली रेखाखण्ड उसके विकर्ण कहलाते है इस प्रकार एक चतुर्भुज के 

दो विकर्ण होते है। 

Figure-1 में भुजा AB तथा DC परस्पर आमने सामने हैं। इन्हे सम्मुख भुजाएँ कहते है| ABCD में सम्मुख शीर्ष  A 

का C और B का सम्मुख शीर्ष D है। सम्मुख शीर्ष A  और C को मिलाने वाले रेखाखण्ड AC को विकर्ण  कहते 

है,तथा दूसरा विकर्ण BD है।  

Figure -2 में चतुर्भुज  PQRS  है  ,जिसके  शीर्ष P पर दो संलग्न भुजाएँ SP और QP मिलती है। इस प्रकार बने 

कोण QPS को अन्तः कोण कहते है। इस चतुर्भुज के शेष अन्तः कोण ㄥPSR ,ㄥSRQ तथा ㄥRQP हैं। यदि भुजा 

SR को T तक बढ़ाने में बने कोण QRT को चतुर्भुज का बाह्य कोण कहते है। 

चतुर्भुज के शेष ㄥLQP,ㄥNSRऔर ㄥMPSबाह्य कोण कहते है। 

(2 )चतुर्भुज के प्रकार:-

चतुर्भुज निम्लिखित प्रकार के होते है। 

(1 ) समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium )

(2 )समानांतर चतुर्भुज (Parallelogram )

(3)समचतुर्भुज (Rhombus )
 
(4 )आयत (Rectangle ) 

(5 )वर्ग (Square) 

(1 ) समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium ):-    समलम्ब चतुर्भुज एक ऐसा चतुर्भुज है जिसमें सम्मुख भुजाओं का एक 

युग्म समानान्तरहोता है ,लेकिन विपरीत भुजाओं का दूसरा युग्म समानान्तर नहीं होता है। 
ऊपर चित्र में चतुर्भुज ABCD में ,जिसकी भुजाएँ AB और DC समानान्तर है ,जबकि भुजाएँ AD और BC गैर 

समानान्तर है अतः चतुर्भूज ABCD एक समलम्ब है। 
चित्र -2 में ,यदि समलम्ब ABCD की गैर समानान्तर भुजाएँ AD और BC बराबर हो ,तो इसे समद्विबाहु समलम्ब 

कहा जाता है।    
            ∴ㄥD=ㄥC और   ㄥA=ㄥBㄥ

(2 )समानांतर चतुर्भुज (Parallelogram ):-         एक ऐसा चतुर्भुज जिनकी विपरीत भुजाएँ समानान्तर है उसे 

समानान्तर चतुर्भुज कहते है|  

ऊपर figure -1 और figure -2 द्वारा  एक समानान्तर चतुर्भुज ABCD हैं क्योकि AB DC और AD BC हैं। 

समानान्तर चतुर्भुज की विशेषताएं -

1 - विपरीत भुजाएँ समानान्तर है। अर्थात AB DC और AD BC हैं। 

2 -सम्मुख भुजाएं बराबर होती है।  अर्थात AB =DC और AD =BC है। 

3 -सम्मुख कोण बराबर होते है। अर्थात  ㄥA =ㄥCऔर ㄥB=ㄥD

4 -क्रमागत कोण (संयुक्त कोण )संपूरक होते है। 

ㄥA+ㄥB =    180°  ,     ㄥ B+ㄥC   =    180°  ,ㄥC +ㄥD    =    180° और  ㄥD+ ㄥA= 180°

5- विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते है| 
 
OA =OC =1 /2 AC और OB =OD =1 /2 BD 

6 -प्रत्येक विकर्ण समानान्तर चतुर्भुज को दो सर्वांगसम त्रिभुज में विभाजित करता है| 

🛆 ABC =🛆CDA  और 🛆 ABD = 🛆CBD 

विकर्ण समानान्तर चतुर्भुज को समान क्षेत्रफल  वाले चार त्रिभुज में विभाजित करते है। 

🛆AOB = 🛆BOC= 🛆COD =🛆DOA= 1 /4 समानान्तर ABCD

(3)समचतुर्भुज (Rhombus ):-  एक समचतुर्भुज एक समानान्तर चतुर्भुज हैं जिसमें सभी भुजाएँ एवं विकर्ण एक 

दूसरे को 90 पर समद्विभाजित करता हैं। 


1 -सभी भुजाएँ समान होती है।  AB=BC=CD=DA

2 - विकर्ण एक -दूसरे को 90° पर समद्विभाजित करता है। अर्थात OA= OC  =OB=OD

ㄥAOB =ㄥBOC=ㄥCOD =ㄥDOA= 90° 

3-प्रत्येक विकर्ण कोणों शीर्ष पर समद्विभाजित करता है विकर्ण AC कोणों ረA और ㄥB और विकर्ण BD कोनों ረB औरㄥ D 

(4 )आयत (Rectangle ):- आयत एक समानान्तर चतुर्भुज है जिसकी सभी कोण समान होते है। समानान्तर 

चतुर्भुज होने के कारण सम्मुख भुजाएँ बराबर होते है,और विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते है। 


1 -आयत के आमने -सामने की भुजाएँ बराबर होती है ,AB =CD और AD =BC 

2-विकर्ण की भुजाएँ बराबर होती है। OB =OD  

3 -आयत की प्रत्येक कोण 90° का होता है। 

ㄥA=ㄥB=ㄥC =ㄥD

(5 )वर्ग (Square) :-    वर्ग सभी भुजाएँ बराबर होती है। 


  1 -सभी भुजाएँ बराबर होती है।     AB=BC=CD=DA   

2-  प्रत्येक कोण समकोण होते है अर्थात ㄥA =ㄥB =ㄥC =ㄥD =90° 

3 -विकर्ण बराबर होता है।  AC =BD 

4 -वर्ग के विकर्ण समकोण पर समद्विभाजित करते है। 

                      प्रमेय  1  

  चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योगफल 360 ° होता है   

ज्ञात करना है-   चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योगफल 

रचना -   आकृति में  ㄥA ,ㄥB ,ㄥCऔर ㄥ D को बिंदु O पर मिलाने पर ㄥD की ओर OP पर पुनः आ जाती है।
प्रमाण -  किसी बिंदु पर एक सम्पूर्ण कोण 360° 
 बनता है 

अतः चतुर्भुज के चारो अन्तः कोनो का योग 360°  है। 

अर्थात ㄥA +ㄥB +ㄥC +ㄥD = 360° 

निष्कर्ष -चतुर्भुज के चारो अन्तः कोनो का योग 360°  है। 

 प्रमेय  -2   

समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है.

  सिध्द करना है-  समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है| 

रचना -  ABCD को आपस में मिलते है। 
प्रमाण -   त्रिभुज ABC और ADC में 

=>ㄥ BAC =ㄥDAC   ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AB, CD  समानान्तर है) 

=>ㄥACB = ㄥDAC ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AD, BC  समानान्तर है) 

=> AC =AC        ( दोनों में शामिल )

=>  🛆 ABC ≅ 🛆ADC  ( A S A  द्वारा सर्वांगसमता को स्वयंसिध्द है )  

=>  AB = DC और AD = BC ,  यही सिध्द करना था


 प्रमेय- 3 
 
समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख कोण बराबर होते है। 

सिध्द करना है-  समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख कोण  बराबर होती है| 

रचना -  ABCD को आपस में मिलते है। 
प्रमाण -   त्रिभुज ABC और ADC में 

=>ㄥ BAC =ㄥACD      ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AB, CD  समानान्तर है) 

=>ㄥBCA  = ㄥDAC ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AD, BC  समानान्तर है) 

=> ㄥBAC +ㄥDAC= ㄥACD +ㄥBCA     ( दोनों में शामिल )

=>  ㄥBAD = ㄥBCD और ㄥADC =ㄥABC (समान  कोण )

=>  ∴  ㄥBAD = ㄥBCD   यही सिध्द करना था. 

प्रमेय-4  
 

प्रत्येक विकर्ण समान्तर चतुर्भुज  को समद्विभाजित करता है  

 सिध्द करना है- प्रत्येक विकर्ण  समान्तर चतुर्भुज को समद्विभाजित  करता है। 

रचना -  ABCD को आपस में मिलते है। 
प्रमाण -   त्रिभुज ABC और ADC में 

=>ㄥ BAC =ㄥACD    ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AB, CD  समानान्तर है) 

=>ㄥBCA = ㄥCAD  ( बैकल्पिक कोण हैं ,क्याकि AD, BC  समानान्तर है) 

=> AC =AC        ( दोनों में शामिल )

=>  🛆 ABC ≅ 🛆 CDA  ( A S A  द्वारा सर्वांगसमता को स्वयंसिध्द है )  

=>समान स्थिति में   🛆 AB D ≅ 🛆 CDB  

=>  ∴   यही सिध्द करना था

प्रमेय -5 
एक समानान्तर चतुर्भुज के विकर्ण  एक दूसरे को समद्विभाजित करते है।  

 सिध्द करना है-  OA =OC और OB =OD 

दिया गया है - एक समानान्तर चतुर्भुज ABCD ,जिसके विकर्ण AC और BD एक दूसरे को बिंदु O पर काटता है।    


प्रमाण -   त्रिभुज AOD और COD है

=>ㄥ OAD  =ㄥOCB    ( बैकल्पिक कोण)

=>ㄥ ODA=ㄥOBC      (बैकल्पिक कोण)

=>  AD = BC     ( एक समानान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती है) 

=> 🛆 AOD ≅ 🛆 COB  

=> AO=OC और  BO=OD     यही सिध्द करना था   

निष्कर्ष :- 

प्रस्तुत Article  में चतुर्भुज किसे कहते हैं ? चतुर्भुज के प्रकार एवं विभिन्न प्रमेय का अध्ययन विस्तार से  किया गया 

है। जो विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नो को हल करने में सहायक सिध्द होगा  |

 यदि मेरा Article अच्छा लगा तो Like एवं shere करें। 

धन्यवाद 




          

Post a Comment

0 Comments