सर्वांगसमता किसे कहते हैं ? सर्वांगसमता के नियम
प्रियः मित्रो , परीक्षार्थियों एवं पाठको Ab expert study में आपका स्वागत है । पिछले Article में त्रिभुज किसे कहते हैं ? और यह कितने प्रकार के होते हैं? त्रिभुज के विषय में विस्तृत से अध्ययन किया था । आज इस Article में सर्वांगसमता किसे कहते हैं ? त्रिभुजों की सर्वांगसमता तथा सर्वांगसमता के नियम विषय में विस्तार से जानकारी देंगे । तथा नीचे दिये गये विषय सूची का अध्ययन करेंगे ।
1- सर्वांगसमता किसे कहते हैं?
2 -रेखा रेखाखंडो की सर्वांगसमता
3 -दो कोणो की सर्वांगसमता
4 - त्रिभोजों की सर्वांगसमता
5 - त्रिभुजों के सर्वांगसमता के नियम
1- सर्वांगसमता किसे कहते हैं?
विश्व में बहुत सी वस्तुऐ समान आकर एवं प्रकार की होती है। किन्तु बहुत वस्तुऐ देखने में भिन्न होते हुऐ भी समान है| जैसे -टेबल टेनिस बाल ,एक ही मूल्य के सिक्के ,एक ही मॉडल के मोबाइल फोन आदि। वे एक -दूसरे के सर्वांगसम है। इस प्रकार सर्वांगसम रेखाखण्ड,कोण ,त्रिभुज भी होते है | वास्तविक दुनिया में उनका व्यापक प्रयोग।
ज्यामिति में ,जब दो ज्यामिति आकृतियाँ एक -दूसरे को ठीक -ठीक ढ़क लेती है ,तो उनका आकार और आकार समान है,उसे आकृतिय को सर्वांगसम कहते है| सर्व +अंग +सम = सभी अंग बराबर होते है। जिनका आकार -प्रकार समान होता है ,वे परस्पर सर्वांगसमता कहते है। सर्वांगसमता को ≅ से प्रदर्शित करते है।
समान आकार वाली दो समतल आकृतिओं का सर्वांगसम होना आवश्यक नहीं है। दो आकृतियों को बराबर होने के लिए ,उनका आकार भी समान होना चाहिए।
2 -रेखा रेखाखंडो की सर्वांगसमता :-
दो रेखाखण्डो को सर्वांगसमता कहा जाता है ,यदि औरकेवल यदि उनकी लम्बाई समान होती है।
यदि AB = CD है तो। 3 -दो कोणो की सर्वांगसमता :-
दो कोण को सर्वांगसम कहा जाता हैं यदि और केवल यदि उनकी माप समान होनी चाहिए।
∠ A B C ≅ ∠ P Q R
4 - त्रिभोजों की सर्वांगसमता :-
दो त्रिभुजों को सर्वांगसम कहते है जब उनके आकार और आकार समान हों। दो त्रिभुजों के सर्वांगसम होने के लिए ,एक त्रिभुज के छः भागों में से दूसरे त्रिभुज के संगत छः भागों बराबर होना चाहिए। प्रत्येक त्रिभुज में तीन भुजाओं और तीन कोण होते है। दो सर्वांगसम त्रिभुजों में वें भुजाएँ जो एक दूसरे के बराबर होती है, उसेसंगत भुजाएँ कहते हैंऔर जो कोण बराबर होते है उन्हें संगत कोण कहते हैं।
ऊपर दिए गए त्रिभुजों में देख सकते है कि A ↔ P , B↔Q, C↔R है तो ABC ↔PQR लिख सकते है | दोनों त्रिभुजों में यह सुनिश्चित किया गया है कि A रेखा P पर ,B रेखा Q पर , C रेखा R पर संगत हैं ,तो 🛆A B C ≅ 🛆 P Q R लिखा जा सकता हैं। प्रथम त्रिभुज की छह भाग ,दूसरे त्रिभुज के छह भाग संगत है तो सर्वांगसम सुनिश्चित किया जाता है।
=> AB =PQ , BC = QR , तथा CA =RP है तो ( संगत भुजा से )
🛆A B C ≅ 🛆 P Q R
=> ㄥA =ㄥ P ,ㄥB =ㄥ Q तथा ㄥC =ㄥ R हैं तो ( संगत कोण से )
🛆A B C ≅ 🛆 P Q R
5 - त्रिभुजों के सर्वांगसमता के नियम ;-
दो त्रिभुज सर्वांगसम होने के लिए छह भाग अर्थात तीन भुजाए और तीन कोण दूसरे त्रिभुज के संगत छह भागों के बराबर ( सर्वांगसम ) हो | इसको सुनिश्चित करने के लिये निम्न शर्ते एवं मानदंड है।
(1 ) भुजा -भुजा -भुजा नियम (Side - Side -Side condition ) :- (SSS )
जैसा की निचे चित्र में दर्शाया गया हैं ,कि यदि एक त्रिभुज की तीन भुजाएँ ,दूसरे त्रिभुज की संगत तीन भुजाओं के बराबर हो ,तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते है| इसमें कोई कोण का अनुप्राय नहीं है सिर्फ भुजाएँ बराबर होनी चाहिए।
ऊपर दिये गये चित्र से AB =PQ ,BC = QR तथा CA = RP है। (संगत भुजाएँ बराबर है ) तो त्रिभुज सर्वांगसम है।
∴ 🛆A B C ≅ 🛆 P Q R
उदाहरण 1 :- निम्नलिखित आकृतियों में त्रिभुजों की भुजाओं की लम्बाई दर्शाई गई है। SSS सर्वांगसमता मानदण्ड़ को लागू करके बताइए ,कि कौन से त्रिभुज सर्वांगसम है या नहीं है?
(a ) दिया है AB =AC = 3.5 cm
BD = CD =2.6
तथा AD =AD = 9.1cm ( common)
∴ 🛆A B D ≅ 🛆 ACD तो SSS सर्वांगसमता है|
(b ) दिया है , AB ≠ PQ
BC ≠ Q R
AC =PR = 5 cm
∴ 🛆A B D ≇ 🛆 PQR तो SSS सर्वांगसमता नहीं है|
(2 ) भुजा -कोण -भुजा नियम (Side -angle -Side condition ) :- (SA S )
जैसा की निचे चित्र में दर्शाया गया हैं ,कि यदि दो त्रिभुजों की कोई भी दो भुजाएँ तथा एक कोण बराबर हो ,तो वे त्रिभुज सर्वांगसम होते है।
ऊपर दिये गये चित्र से AB =PQ ,A C = P R तथा ㄥB =ㄥQ है। (संगत दो भुजाएँ तथा एक कोण बराबर है ) तो त्रिभुज सर्वांगसम है।
उदाहरण 2:- निम्नलिखित आकृतियों में त्रिभुजों की भुजाओं की लम्बाई एवं कोण दर्शाई गई है। SAS सर्वांगसमता मानदण्ड़ को लागू करके बताइए ,कि कौन से त्रिभुज सर्वांगसम है या नहीं है?
हल :-
उपर्युक्त चित्र के अनुसार
दिया है 🛆 ABC और 🛆 PQR में
AC = PR = 4 cm
ㄥC = ረ R = 40,°
तथा BC =RQ = 3cm ( common)
∴ 🛆A B D ≅ 🛆 ACD तो SAS सर्वांगसमता है|
(3 ) कोण -भुजा -कोण नियम ( Angle -Side-Angle ondition ) :- (A S A )
जैसा कि चित्र से नीचे दर्शाया गया है कि यदि दो त्रिभुजों की कोई भुजा तथा दो कोण बराबर हो तो वे त्रिभुज सर्वांगसम होते है।
चित्र से
BC =RQ
ㄥB =ㄥQ तथा ㄥC =ㄥR हैं।
∴ 🛆A B C ≅ 🛆 PQR या 🛆A C B ≅ 🛆 PR Q तो A S Aसर्वांगसमता है|
उदाहरण 3:- निम्नलिखित आकृतियों में त्रिभुजों की भुजा लम्बाई एवं कोण दर्शाये गये है। ASA सर्वांगसमता मानदण्ड़ को लागू करके बताइए ,कि त्रिभुज सर्वांगसम है या नहीं है?
हल :-
उपर्युक्त चित्र के अनुसार
दिया है 🛆 ABC, 🛆 BAC ,🛆 ABC तथा 🛆 BAC में
B C = DE = 4 cm
ㄥA = ረ F = 80 ,°
ㄥB = ረ E = 80 ,°
∴ 🛆A B C ≅ 🛆 FED तो ASA सर्वांगसमता है|
(4 )समकोण - कर्ण -भुजा नियम ( right -Angle -Side ondition ) :- (RHS )
जैसा कि चित्र से नीचे दर्शाया गया है कि यदि दो त्रिभुजों की कोई दो भुजाएँ बराबर तथा एक कोण समकोण हो, तो वे त्रिभुज सर्वांगसम होते है।
चित्र से
A C = PR = 5 cm
A C = PR = 4cm
ㄥB =ㄥQ = 90 (समकोण है )
हल :-
उपर्युक्त चित्र के अनुसार
दिया है 🛆 CABतथा 🛆 BDC में
A C = DB = 3 cm
ㄥA = ረ D = 90 °
∴ 🛆CAB ≅ 🛆BDC तो RHS सर्वांगसमता है|
निष्कर्ष :- इस Article में सर्वांगसमता किसे कहते हैं ? त्रिभुजों की सर्वांगसमता तथा सर्वांगसमता के नियम के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है । जो विभिन्न परीक्षाओं के लिये बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है | यदि मेरा लेख अच्छा लगा तो Like एवं shere करें।
धन्यवाद
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