समान्तर माध्य किसे कहते हैं ? samantar madhya kaise gyat karte hain
समान्तर माध्य किसे कहते हैं ? केन्द्रीय प्रवृति का सबसे सरल और अधिक प्रचलित माप समान्तर माध्य है इसे अंकगणितीय माध्य भी कहा जाता है। इसे संक्षेप में माध्य (Mean ) कहते है। जिसमें दिये हुए पदों के योगफल में पदों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त होता है ,प्राप्त भागफल ही समान्तर माध्य होता है।
समान्तर माध्य दो प्रकार के होते है - (1) सरल समान्तर माध्य (2 )भारित समान्तर माध्य
सरल समान्तर माध्य में श्रेणी के सभी पदों को महत्व देते हुए ,मूल्यों के योग को पदों की संख्या से भाग देने से प्राप्त होता है।
X = ∑ X / N , जहां ∑ X सभी पदों का योग तथा N पदों की संख्या हैकी ।
भारित समान्तर माध्य में पदों को उनकी महत्ता के अनुसार भार प्रदान किया जाए तो प्राप्त भारित माध्य कहलाता है। इसमें प्रत्येक पद को उनके भार से गुणा किया जाता है। तथा सभी पदों में प्राप्त गुणनफलो( WX ) का योग करके उसमे सभी के भार W के जोड़ से भाग दे दिया जाता है।
X w = ∑ WX / ∑ W
samantar madhya kaise gyat karte है ?
आइए हम जाने कि समान्तर माध्य ज्ञात करने की निम्न विधियां प्रयोग में लाई जाती है -
1 -व्यक्तिगत श्रेणी (Individual series)
2 -खंडित श्रेणी (Discrete series)
3 -सतत श्रेणी (Continuous series)
व्यक्तिगत श्रेणी (Individual series):- समान्तर माध्य ज्ञात करने की दो व्यक्तिगत विधियां प्रयोग में लाई जाती है
(1 ) प्रत्यक्ष विधि(Direct Method):- श्रेणी के सभी मूल्यो को जोड़कर उनके पदों की संख्या से भाग दिया जाता है
समान्तर माध्य X =X1 +X2+X3+X4+X5-------Xn / N = ∑ X / N
( 2)लघु विधि (Short Method ):- इस विधि में प्रथमतः दिए गए मूल्यों में से कोई मूल्य (काल्पनिक माध्य )लेकर विचलन निकाल लिया जाता है। तत्पश्चात सभी मूल्यों के विचलनों का योगफल ज्ञात कर लिया जाता है जिसे ∑dX कहा जाता है।
समान्तर माध्य X = A + ∑d X / N
उदाहरण :- किसी शहर में किसी एक परिवार की 10 सदस्यों की आय क्रमश 96,98, 75,80,73 ,200,104 ,280, 600,94 रूपये है तो समान्तर माध्य ज्ञात कीजिए।
हल :- प्रत्यक्ष विधि -
सूत्र- समान्तर माध्य X = ∑ X / N
X = 96+98+75+80+73+200+104+280+600+94 / 10
= 1700/10= 170
अभीष्ट उत्तर =>170
लघु विधि -
सूत्र -समान्तर माध्य X = A + ∑d X / N=96+740/10
=96+74=170
अभीष्ट उत्तर =>170
खंडित श्रेणी (Discrete series):- खंडित श्रेणी में भी समान्तर माध्य की गणना की दो विधियों से की जाती है।
(1 ) प्रत्यक्ष विधि(Direct Method):- जब अवर्गीकृत आँकड़ों तथा पदों की बारम्बारता दोनों दिया गया हो तो
1 - सबसे पहले प्रत्येक पद में संगत बारम्बारता से गुणा करते है।
2 -प्राप्त गुणनफलों का योगफल ज्ञात करते है
3 -गुणनफलों के योगफल को बारम्बारताओ के योगफल से भाग देते है।
समान्तर माध्य X = ∑f X / ∑ f
( 2)लघु विधि (Short Method ):- जब अवर्गीकृत आँकड़ों तथा पदों की बारम्बारता दोनों दिया गया हो तो
समान्तर माध्य X = A + ∑ f d X / ∑ f
उदाहरण :-सारणी में दिए गए आंकड़ो की सहायता से समान्तर माध्य की गणना कीजिए।
हल :-
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