समान्तर श्रेणी और गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है ?
आइए हम जाने, कि समान्तर श्रेणी और गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है ? सबसे पहले समान्तर श्रेणी का अध्ययन करते है, कि जिस श्रेणी के प्रत्येक पद अपने पूर्व वाले पद में कोई निश्चित संख्या जोड़ने या घटाने से प्राप्त होती है उसे समान्तर श्रेणी कहते है। जोड़ने और घटाने वाली संख्या को पदान्तर या सार्व अन्तर कहते है।
वह श्रेणी जिसमें प्रत्येक पद अपने पूर्व पद को एक निश्चित संख्या से गुणा या भाग करने से से प्राप्त होता है ,उसे
गुणोत्तर श्रेणी कहते है। गुणोत्तर अनुपात किसी पद को उसके पूर्व पद से भाग देने पर प्राप्त होता है।
आइए हम समान्तर श्रेणी को उदाहरण द्वारा जाने ,निम्न अनुक्रम समान्तर श्रेणी में दिये गये है।
12,3,4,5,6,---------- सार्व अन्तर => 1, ( d =2 -1 =1 )
8,5,2,-1,-4,-7---------- सार्व अन्तर => -3, ( d =(5 -8 = -3 )
a,a-d,a-2d,a-3d,a-4d,a-5d-------सार्व अन्तर => -d , ( d = a-d-a= -d )
जिसमें प्रथम पद a और सार्व अन्तर d है
समान्तर श्रेणी के सूत्र:-यदी समान्तर श्रेणी के प्रथम पद a और सार्व अन्तर d है ,तो
1 - समान्तर श्रेणी का n वां पद = a+ (n-1)d
2-प्रथम n पदों का योग Sn=1/2 n(a+l) जहां l =अन्तिम पद है।
3- समान्तर श्रेणी के n पदों का योगफल =
=1/2n [2a+(n-1 )d ]
4 -यदि दो राशियों a और b का समान्तर माध्य = a+b/2
समान्तर श्रेणी के गुण :-
(1) समान्तर श्रेणी के प्रत्येक पद में एक ही राशि जोड़ी या घटाई जाय तो नयी बनी श्रेणी को समान्तर श्रेणी होगी।
(2 )समान्तर श्रेणी के प्रत्येक पद में एक ही राशि से गुणा या भाग किये जाने पर प्राप्त नयी श्रेणी समान्तर श्रेणी होगी।
(3) यदि किसी श्रेणी का n वां पद एक घात व्यंजक हो ,तो वह श्रेणी समान्तर श्रेणी होगी।
(4 ) दी गयी दो समान्तर श्रेणी के संगत पदों को जोड़ने या घटाने से प्राप्त श्रेणी समान्तर श्रेणी होगी।
(5 ) दी गयी दो समान्तर श्रेणी के संगत पदों को गुणनफलों या भागफलों से प्राप्त श्रेणी समान्तरश्रेणी होगी।
समान्तर श्रेणी के स्मरणीय तथ्य :-
(1 )समान्तर श्रेणी में कोई तीन संख्याए लेनी हो ,तो उन्हें a-d, a, a+ d माननी चाहिए।
(2)समान्तर श्रेणी में कोई चार संख्याए लेनी हो ,तो उन्हें a-3d , a-d, a, a+ d ,a+3d माननी चाहिए।
(3)समान्तर श्रेणी में कोई पांच संख्याए लेनी हो ,तो उन्हें a-2d, a-d, a, a, a+ d ,a+2d माननी चाहिए। (
(4)सम पदों वाली समान्तर श्रेणी में पदों की संख्या 2n माननी चाहिए, तब n वां और (n +1) वां दो मध्य पद होंगे।
(5 )विषम पदों वाली समान्तर श्रेणी में पदों की संख्या( 2n +1) माननी चाहिए, तब n वां और (n +1) वां पद मध्य पद होंगे।
(6 )समान्तर श्रेणी के आदि और अन्त से समान दूरी वाले पदों का योगफल अचर होता है।
गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है ?
आइए हम जाने, कि गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है ? गुणोत्तर श्रेणी राशियों का वह अनुक्रम है जिसका प्रत्येक पद उससे पूर्ववर्ती पद को ,किसी अचर राशि से गुणा या भाग करने पर प्राप्त होता है उसे गुणोत्तर श्रेणी कहते है। अचर राशि को श्रेणी का सार्व -अनुपात कहते है |
आइए हम गुणोत्तर श्रेणी को उदाहरण द्वारा जाने ,निम्न अनुक्रम गुणोत्तर श्रेणी में दिये गये है। 1+2+4+8+16+32+64------------
1-1/3+1/9-1/27+-------
a, a r , ar2,ar3,ar4 --------------
गुणोत्तर श्रेणी सूत्र :-
(1 ) गुणोत्तर श्रेणी का n वां पद = a rn-1 , जहां a प्रथम पद और r सार्व अनुपात है
(2 )गुणोत्तर श्रेणी के n वां पदो का योगफल =Sn = a( 1 -r n ) / 1-r ( यदी r <1 )
(3 )गुणोत्तर श्रेणी के n वां पदो का योगफल =Sn = a( r n -1 ) / 1-r ( यदी r > 1 )
(4 )गुणोत्तर श्रेणी के अनन्त पदोँ का योगफल =Sn = a / 1-r ( यदी | r | <1 )
(5 )a और b के बीच एक गुणोत्तर मध्य (G )= √ ab
गुणोत्तर श्रेणी के गुण :-
(1 )गुणोत्तर श्रेणी के प्रत्येक पद में एक ही राशि से गुणा या भाग कर दिया जाय ,तो नयी श्रेणी भी गुणोत्तर श्रेणी होगी।
(2 )दो गुणोत्तर श्रेणी के संगत पदों के गुणनफलों तथा भागफलों से बनी श्रेणी गुणोत्तर श्रेणी होगी।
(3 )गुणोत्तर श्रेणी के व्युत्क्रमों से बनी श्रेणी भी गुणोत्तर श्रेणी होगी। ٤̆̆
विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न एवं हल :-
उदाहरण 1 :- समान्तर श्रेणी 6,10,14,18---------86 का अन्त से 15वां पद ज्ञात कीजिए।
हल:- दिया है , अन्तिम पद( l )=86 , n वां पद =15
सर्वान्तर (d )= 6 -10 = - 4
समान्तर श्रेणी का 15वां पद = l + (n -1 )d
= 86+ (15-1)x -4
=86-56 = 30
अभीष्ट उत्तर => 30
उदाहरण 2 :- समान्तर श्रेणी 3,5,7,9,11,13--------- का 12 वां पद ज्ञात कीजिए।
हल :- प्रथम पद (a)= 3 , सर्वान्तर (d )= 5 - 3 =2 ,
समान्तर श्रेणी का n वां पद = 12
सूत्र Tn = a + (n-1) d
T10 = 3 + ( 12 -1) x 2
= 3 +22 = 25
अभीष्ट उत्तर => 25
उदाहरण 3 :- समान्तर श्रेणी 1 +4+7+10+13+17 --------- के 20 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हल :- प्रथम पद (a)= 1 , सर्वान्तर (d )= 4 - 1 =3
समान्तर श्रेणी के पदों की n संख्या = 20
सूत्र Sn = n /2 [ 2a + (n -1) d ] से
Sn = 20 /2 [ 2x 1 + (20 -1) 3 ]
= 10 [ 2 +57 ] = 590
अभीष्ट उत्तर => 5 90
उदाहरण 4 :- श्रेणी 39+33+27+21+--------- के कितने पदों का योग 144 है ?
हल :- प्रथम पद (a)= 39 , सर्वान्तर (d )= 33 - 39 = -6
माना n पदों का योग =144
सूत्र Sn = n /2 [ 2a + (n -1) d ] से
144 = n/2 [2x39+(n -1)-6]
हल :- प्रथम पद a = 1 /2 ,सर्वाअनुपात r = 1 /4 ÷ 1/2=1/2
सूत्र गुणोत्तर श्रेणी का n वां पद = a rn-1
Tn = a rn-1
T8 = 1/2 x (1/2)8-1
T8 = 1/2 x 1/2x1/2x1/2x1/2x1/2x1/2x1/2=1/256
अभीष्ट उत्तर => 1/256
उदाहरण 7 :- श्रेणी 8,4,2,-----------1/128 का अन्त से चौथा पद ज्ञात कीजिए।
हल :- श्रेणी का प्रथम पद a = 8
सर्वाअनुपात r = 4 /8 =1 /2 अन्तिम पद =1 /128
अन्तिम वां पद = 1 / r n -1
=1 /128 / 1 /2 4 -1
= 1/128x2x2x2 =8/128
=1/16
अभीष्ट उत्तर => 1/16
उदाहरण 8 :- गुणोत्तर श्रेणी 1+2+4+8+----का दस पदों तक योगफल ज्ञात कीजिए।
हल :- श्रेणी का प्रथम पद a = 1
सर्वाअनुपात r = 2 /1 =2
गुणोत्तर श्रेणी के n वां पदो का योगफल =Sn = a( r n -1 ) / 1-r ( यदी r > 1 )
S10 = 1 ( 210 -1 ) / 2-1
=1024-1 =1023
अभीष्ट उत्तर => 1023
उदाहरण 9 :- श्रेणी 8+88+888+8888+----के n पदों योग ज्ञात कीजिए।
हल :- n वां पदो का योग=Sn = 8+88+888+8888+-------- n पदों तक
= 8 (1+11+111+1111+----n पदों तक )
=8/9 (9+ 99 +999 +9999+ -----nपदों तक )
=8/9[ (10-1) + (100-1) +(1000-1) +----nपदों तक )
=8/9[(10+ 102 + 103 + nपदों तक) - (1+1+1+1----nपदों तक )
=8/9[10( 102 -1 )/9 -n)
अभीष्ट उत्तर => 8/9[10( 102 -1 )/9 -n)
उदाहरण 10 :- 12 एवं 3 का गुणोत्तर माध्य ज्ञात कीजिए।
हल :- गुणोत्तर मध्य (G )= √ ab
गुणोत्तर मध्य (G )= √ 12x 3
= √ 36
= 6
अभीष्ट उत्तर => 6
निष्कर्ष:- समान्तर श्रेणी और गुणोत्तर श्रेणी के महत्वपूर्ण फार्मूलों का अध्ययन किया गया ,जिसके द्वारा विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नो को आसान तरीकों से हल कर सके।
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