प्रायिकता सिद्धांत/ probability

     प्रायिकता सिद्धांत/ probability 

                                                                


भूमिका :-   आइये हम जाने की प्रायिकता क्या है तथा उसके सिध्दांत क्या है? हम जानते है कि जीवन में अनेक 

प्रकार की घटना घटित  होती है ,जो अनिश्चित है। कुछ घटनाओं को घटने की सम्भावनाये अनिश्चित होती है| जैसे- 

सिक्का उछालना ,पासे फेंकना ,तास के पत्ते, किसी कक्षा में बच्चो के बैठने ,किसी समूह में बैठने की संभावना 

अनिश्चितहोती  है|

कुछ बुनियादी नियम और अवधारणाएं (some basic terms and concepts ) :

यदृच्छया प्रयोग(Random experiment  ):-एक प्रयोग को समान शर्तों में दोहराता है, तो वह समान परिणाम 

नहीं देता,लेकिन जांच में प्राप्त परिणाम सभी सम्भव परिणामों में से एक है  उस प्रयोग को यदृच्छया प्रयोग कहते है। 

उदाहरण :-(1 )ताशों की गडडी से एक ताश खींचना 

                  (2 )पाँसे को फेंकना 

                   (3 )सिक्के का उछालन। 

प्रतिदर्श समिष्ट (Sample space):-   किसी प्रयोग से प्राप्त सभी सम्भव परिणामों के समुच्चय को प्रतिदर्श समष्टि 

कहते है। इसे S से व्यक्त किया जाता है। 

(1 )जब एक सिक्का उछालते है तो शीर्ष होगा या पूछ होगी। अतः  S= {H ,T }होगा। 

(2 )दो सिक्को को एक साथ उछालते पर , प्रतिदर्श समष्टि होगा। अतः S= {HH ,HT ,TH ,TT }

(3) एक )पाँसे को फेंकने पर , प्रतिदर्श समष्टि  S ={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

घटना (Event) :- प्रतिदर्श समष्टि के किसी उपसमुच्चय को घटना कहते है| 

जैसे -  प्रतिदर्श समष्टि  S = {HH ,HT ,TH ,TT }के लिए उपसमुच्चय {HH ,HT ,TH }उस घटना को दर्शाता है 

कि जिसमें कम से कम एक शीर्ष आता है। 

 घटना के प्रकार (type of event ):- 

  (1) प्रारम्भिक घटना(Elementary event ):-  प्रतिदर्श समष्टि का एक अवयव  उपसमुच्चय जोकि यदृच्छया 

प्रयोग से सम्बन्धित है। प्रारम्भिक घटना कहते है। जैसे -एक सिक्के को उछालना एक जाँच है और शीर्ष या पूछ 

प्राप्त करना एक  प्रारम्भिक घटना है। 

(2 )असम्भव और निश्चित घटनाएँ (Imposible and certain events):-   माना S एक  यदृच्छया प्रयोग से 

सम्बन्धित प्रतिदर्श समष्टि  है  तब Øऔर S, S के उपसमुच्चय होने के कारण ,घटनाएँ है ,घटना Øएक असम्भव 

घटना कहलाती है और घटना S एक निश्चित घटना की तरह जानी जाती है। 

उदाहरण :-पाँसे को फ़ेंकने पर 

               A =एक से कम प्राप्त करने की संख्याए =>का परिणाम 1 से कम संख्या नहीं होती है यह असंभव है। 

               B =आठ से कम प्राप्त करने की संख्याएँ=>का परिणाम एक निश्चित है 

(3 )निः शेष घटना( Exhaustive event):-  एक  यदृच्छया प्रयोग की जाँच में सम्भावित परिणामों की कुल संख्या 

निःशेष घटना कहते है। 

उदाहरण :-एक पाँसे को फेंकने पर निःशेष संख्या एक स्थिति 6 है क्योकि 6 फलकों जोकि 1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 है ,कोई

भी एक फलक ऊपर की तरफ आता है।

(4) परस्परअपवर्जी घटनाए (Mutually exclusive events):-   यदि दो घटनाए एक साथ घटित नहीं होती तो 

उसे परस्पर अपवर्जी घटनाए कहते है| 

उदाहरण:- जब एक सिक्के को उछाला जाता है ,तो एक बार में या  शीर्ष आयेगा या तो पुच्छ आयेगा ,दो एक साथ 

नहीं प्रगट होगा इसलिए एक शीर्ष या एक पुच्छ का प्रकट होना दो परस्परअपवर्जी घटनाए है।

(5 )समसंभवी घटनाएँ ( Equally likely events):-   साधारण घटनाओं की एक संख्या, को समसंभवी कहा 

जाता है यदि एक घटना के किसी दूसरी घटना से पहले घटित होने का कोई कारण नहीं है। 

उदाहरण :-जब एक पाँसे को निष्पक्ष रूप से फेंका जाता है ,प्रत्येक फलक 1 ,2 ,3, 4 ,5 ,6 के समान रूप से प्रकट 

होने की सम्भावना है ,इनमे एक दूसरे से पहले प्रकट होने का कोई कारण नहीं है। 

(6 )पूरक घटनाएँ (Complementary events):-   किसी प्रयोग में प्रतिदर्श समष्टि S हो तथा इसका उपसमुच्चय E 

किसी घटना को व्यक्त करता है तो S के सापेक्ष E का पूरक समुच्चय E1भी एक घटना है। 

उदाहरण:-मान  पाँसे   एक फेंकने में =>  S ={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

  सम संख्या ऊपर प्राप्त होने की घटना 

                                             E ={2 ,4 ,6 }

                                             E1 ={1 ,3 ,5 }

(7 )घटनाओं का संघ( Union of events ):- यदि    E1तथा  E  प्रतिदर्श समष्टि Sकी दो घटनाएँ है तो यह घटना 

जिसमे वे सब अवयव उपस्थितहै   E1में अथवा   E2में अथवा  E1तथा  E2 दोनों में है इस घटना को संघ कहते है 

इसको    E1   E2 से प्रदर्शित करते है। 

  उदाहरण:-जब एक पाँसे को यदृच्छया फेंकने पर तब  प्रतिदर्श समष्टि 

                              S={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

             यदि    E1 सम संख्याए की घटनाएँ प्राप्त हो 

                         E1={2 ,4 ,6 }

              यदि  E2 विषम संख्याए की  घटनाएँ प्राप्त हो 

                     E2={1 ,3 ,5 }

                E1   E2 ={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

घटनाओं का सर्वनिष्ट (Intersection of events):-  यदि E1तथा E2   प्रतिदर्श समष्टि Sकी दो घटनाएँ है तो यह 

घटना जिसमे वे सब अवयव सम्मिलित होते है E1तथा  E2 दोनों सर्वनिष्ठ कहलाता  है तथा इसे   E1   E2से  

प्रदर्शित करते है। 

  उदाहरण:-जब एक पाँसे को यदृच्छया फेंकने पर तब  प्रतिदर्श समष्टि 

                              S={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

             यदि    E1 प्राकृतिक  संख्याए की घटनाएँ प्राप्त हो 

                         E1={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

              यदि  E2 विषम संख्याए की  घटनाएँ प्राप्त हो 

                     E2={1 ,3 ,5 }

                E1    E2 ={1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 }

मिश्रित घटना `    (Compound events):- दो या दो से अधिक प्रारम्मिक घटनाओं का मिश्रित करने पर जो घटन 

प्राप्त होती है|

प्रायिकता का मापन (Measurement of probability ):- किसी घटना की सम्भावना उसके घटित होने की 

सम्भावना को दर्शाती है। यदि एक यद्च्छिक प्रयोग में घटनाओं की कुल संख्या (परिणाम ) n है ,जिसमें से m 

घटनाएँ (परिणाम)किसी विशेष घटना के अनुकूल है ,तो की प्रायिकता घटना E का घटित होना P (E )द्वारा दर्शाया 

गया है और अनुपात m /n के बराबर है। 

  P (E )=घटना E के घटित होने की प्रायिकता= m /n 

     =घटनाओं की संख्या (परिणाम )अनुकूल E /सभी सम्भावित परिणामों की कुल संख्या 

प्रायिकता की पारम्परिक परिभाषा(Classical definition of prabability) :-   यदि किसी प्रयोग के n पूर्णतः 

निःशेष ,परस्पर अपवर्जी और समसंभवी परिणाम हो,और इनमे से m ऐसे हो जो एक घटना E के घटित होने के 

लिए अनुकूल हो तो E की गणितीय प्रायिकता अनुपात m /n के रूप में परिभाषित होती है। 

                       P (E )= m /n 

प्रायिकता के गुण (Properties of probability ):-

(1 )   एक असम्भव घटना की प्रायिकता शून्य होती है।    P (Ø )= 0

(2 ) P   (  E    F     )   =  P (E )-P (E ∩F) ,जहा         घटना F की पूरक घटना को  प्रदर्शितकरता  है। 

  (3 )यदि E और F कोई घटना प्रतिदर्श समष्टि S में है ,तब 

                      P (E   F )=P(E )+P (F )-P (E  F ) 

   चूँकि एक घटना की  प्रायिकता एक अऋणात्मक संख्या है ,तो 

                           P (E   F )   ≤   P(E )+P (F )

(4 )यदि E और F परस्पर अपवर्जी घटनाएं हो ,तब 

                             P (E    F )=0 

        इसलिए       P (E   F )=P(E )+P (F )

  व्यापक रूप में यदि E1 ,E2 ,E3 ,E 4 --------परस्पर अपवर्जी घटनाएं हो तो 

        P( E1 E2  E3 E4----- E n)=    P( E1) +P( E2) +P (E3 )+P( E 4)-----+-P (E n)

(5 )यदि कोई घटना E ,S में है तब 

        P(E  )=1 -P (E )  ,   E  ( )=S और E   ( )=Ø

(6 )P (E F   G )=P (E )+P(F )+P(G )-P (E     F) -P(F  G )-  P (G  E )+P (E  F  G ) 

प्रतिबन्धी प्रायिकता (Conditional probability):- यदि  E और F दो घटनाएं है ,तब घटना E की प्रायिकता इस 

शर्त के अधीन की घटना E पहले ही घटित हो चुकी है ,को प्रतिबन्धी प्रायिकता कहते है इसे P( E /F)से व्यक्त करते है।                           P (E /F )=n (E  F)  /n( F) 

 स्वतन्त्र  घटनाएं ( events ):-  यदिकिसी घटना E के घटित होने या न होने का प्रभाव दूसरी घटना F घटित होने 

पर पड़ता ,तब E और F को स्वतन्त्र घटना है। 

     P (E /F) =P( E) और P( F /E) =P( F)    

      यदि E और Fस्वतन्त्र घटनाएं है ,तब 

                 P (E  F) =P( E) P (F) 

याद रखने हेतु महत्वपूर्ण तथ्य:- 

(1 )एक सिक्के में दो फलक होते है जिसमें एक शीर्ष और एक पूछ होता है। 

(2 )एक पाँसे में छः फलक होते है। 

(3 )ताश में 52 पत्ते होते है ,जिसमे चार रंग होते है तथा ताश में चार रंग के 13 पत्ते होते है प्रत्येक रंग में एक 

गुलाम।,बादशाह ,बेगम ,जोकर ,ऐका होते है। 

विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न एवं हल :-

उदाहरण 1:- एक पाँसे उछालते है तो ऊपर आने की सम संख्या की प्रायिकता क्या होगी ?

हल:- एक पाँसेमें कुल फलक की संख्या =6 (1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 )और घटनाओ के अनुकूल परिणाम =3  (2 ,4 6 )

    सम संख्या के घटित होने की प्रायिकता  P (E )=  घटनाओं की संख्या(परिणाम )अनुकूल /सभी सम्भावित 

परिणामों की कुल संख्या  = m /n 

                                       =3 /6 =1 /2 

                                       अभीष्ट उत्तर =>1 /2 

उदाहरण 2 :-  दो पाँसे एक साथ फेंके जाते है अंको का योग 7 प्राप्त करने की प्रायिकता क्या होगी ?

हल:-   पाँसे में कुल 6 संख्याएं(1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 ) है जो प्रत्येक पाँसे के छः फलकों पर अंकित है 

             एक  पाँसे पर  संख्याएं  प्राप्त करने की 6 विधियाँ है। 

            दो पाँसे एक साथ फेंकनेकी कुल विधियाँ =6 x 6 =36 

           7 अंक योगफल   प्राप्त करने की अनुकूल विधियाँ है -

              E ={ (1 ,6 )(6 ,1 )(2 ,5 )(5 ,2 )(3 ,4 )(4 ,3 )}

                 n(E )=6 

               प्रायिकता = n (E )/n(S)=  6 /36 =1 /6 

               अभीष्ट उत्तर =>1 /6 

उदाहरण3  :-  एक ताश के गड्रडी में गुलाम होने की   प्रायिकता  ज्ञात कीजिए। 

           हल :-एक ताश के गड्रडी में 52 पत्ते होते है 

                    एक ताश के गड्रडी में गुलाम प्राप्त करने की अनुकूल 4 विधियाँ है। 

                   प्रायिकता = n (E )/n(S)= 4 /52 =1 /13 

                  अभीष्ट उत्तर =>1 /13 

 उदाहरण4   :-  एक भलीभाँति फेटी हुई 52  ताश के पत्तों की  गड्रडी में से 2 पत्ते ,बिना पुनः स्थापन खींचे जाते है                    इनके दोनों  इक्के होने की  प्रायिकता  क्या होगी?  

        हल:-एक  ताश के पत्तों की  गड्रडी में से 1  पत्ते खींचने की कुल विधियाँ =  52C1 

                 दूसरे  ताश के पत्तों की  गड्रडी में ,बिना पुनः स्थापन  खींचने   की कुल विधियाँ =51 C1

                 दो ताश के पत्तों को एक एक करके ,बिना पुनः स्थापन खींचने   की कुल विधियाँ= 52C1 x 51 C1

                                                                                                           =52 x 51 

                  इस  गड्रडी में 4 इक्के है 

                  दो इक्को को खींचने की अनुकूल विधियाँ =4 C1 x 3  C1=4 x 3 

                  प्रायिकता = n (E )/n(S)=4 x 3 /52 x 51 =1 /221 

                   अभीष्ट उत्तर =>1 /221 

उदाहरण 5 :-  ताश की एक गड्डी में 4 इक्के ,4 बादशाह ,4 वेगम और 4 गुलाम है दो पत्ते यदृच्छता खींचे गए ,कम से कम इनमे से एक एक्के होने की प्रायिकता क्या होगी ?

हल:-  ताश की एक गड्डी में से दो पत्ते  खींचने  की कुल विधियाँ=  16 C2  = 16 !/2 !x (16 -2 )!

                                                             = 120 

         विधियों की संख्या जिसमे केवल एक एक्का हो =  4 C1 . 12 C1 

                                                                               =4 x 12 =48 

          विधियों की संख्या जिसमे केवल दो  एक्का हो =  4 C2 =  4  !/2 !x (4  -2 )!

                                                                                =6 

          कम से कम इनमे से एक एक्के होने की अनुकूल विधियाँ =48 +6 =54 

           प्रायिकता = n (E )/n(S)=    54 /  120 =9 /20  

           अभीष्ट उत्तर => 9 /20 

उदाहरण 6 :-   तीन पत्र तीन अलग -अलग आदमियों को लिखे गए हैऔर तीन लिफाफों पर बिना पत्रों कोदेखते हुए पते भी लिखे गए है सही पत्र सही लिफाफे में है इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए। 

हल:-  लिफाफे में सही रखने की अनुकूल विधि केवल एक =1 

         लिफाफे में सही पत्रों की रखने की कुल विधियाँ =3 !=6

         प्रायिकता = n (E )/n(S )  =1 /6 0 . 

          अभीष्ट उत्तर => 1 / 6 

 उदाहरण7 :- एक घटना A के घटने  की प्रायिकता   0 . 5 है और B के घटने  की 0 . 3 है. यदिA और B परस्पर  अपवर्जी घटनाएँ है ' तब न ही A न ही B के घटने की प्रायिकता  क्या  है ?

    हल:-   दिया है घटना A के घटने  की प्रायिकता    P(A ) =  0 . 5

                घटना B  के घटने  की प्रायिकता    P(B  ) =  0 . 3 

               न ही A न ही B के घटने की प्रायिकता = P ( A     )  =1 -P (A   B )

                                                                         =1- P(A )+P(B ) =1 -(  0 . 5+ 0 . 3 )

                                                                          = 0. 2 

                 अभीष्ट उत्तर => 0. 2 

उदाहरण8:-दो निष्पक्ष पांसों को एक साथ उछाला जाता है योग के रूप में एक विषम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता  ज्ञात कीजिए। 

  हल:-   दो निष्पक्ष पांसों को एक साथ उछाला सभी सम्भावित परिणामों की कुल संख्या  =6 x 6 

                                                                                                                 =36 

         योग विषम संख्याओं के अनुकूल परिणाम है -   (1 ,2 ),(2 ,1 ),(1 ,4 ),(2 ,3 ),(3 ,2 ),(4 ,1 ),(1 ,6 ),(2 ,5 ),              (3 ,4 ), (4 ,3 ),(5 ,2 ),(6 ,1 ),(3 ,6 ),(4 ,5 ),(6 ,3 ),(5 ,6 ),(6 ,5 ),

          अनुकूल परिणाम=18

           प्रायिकता = n (E )/n(S )=18 /36 =1 /2 

           अभीष्ट उत्तर => 1 /2  

उदाहरण 9 :-  एक प्रयास में एक घटना के घटित होने की प्रायिकता 0. 6 है यदि तीन स्वतन्त्र प्रयास किए जाएं तब घटना के एक बार घटित होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए। 

हल :-    एक परीक्षण में घटना के होने की प्रायिकता =0. 6 

             एक परीक्षण में घटना न  होने की प्रायिकता =   1 -0. 6  =0. 4   

             अतः घटना पहले ,दूसरे या तीसरे परीक्षण में हो सकती है 

              प्रायिकता = 3 C1x 0. 6 x 0. 4 =0. 288 

               अभीष्ट उत्तर =>0. 288 

 यदि आपको मेरा blogger अच्छा लगा तो Likeऔर  Shareकरे  ,आपको बहुत - बहुत धन्यबाद |

निष्कर्ष :-प्रायिकता के नियम एवं सिध्दांत द्वारा किसी भी वस्तु और सामग्री को क्रम -बध्य तरीकों से व्यवस्थित या सम्भावनाएं  के ढंग से व्यक्त करने की विधि है। 

Post a Comment

0 Comments