matrices and determinants आव्यूह और सारणिक

:: matrices and determinants  आव्यूह और सारणिक ::

भूमिका :-किसी संख्या के समूह ,किसी वस्तु ,किसी सामग्री ,व्यक्तियों के  समूह को ,किसी प्रकार के अवयव ,

तत्व एवं संख्याओं के संक्रियाओं को पंक्तियों तथा स्तम्भों के रूप को सही एवं व्यवस्थित तरीके से व्यक्त करने की 

क्रिया के लिए आव्यूह और सरणिक का अघ्ययन किया गया है। 

आइये हम देखे कि आव्यूह किसे कहते है? आव्यूह वह है जिसमे m पंक्तियों और n स्तम्भों के व्यूह में ,व्यवस्थित 

किन्ही m n राशियों को m x n कोटि का आयताकार क्रम एक m x n कोटि का आव्यूह कहलाता है।


                    तब A एक mxn आव्यूह है। 

                      प्रतीकात्मक रूप में आव्यूह A इस प्रकार लिखा जाता है 

                                      A =[a ij] mxn 

                               जहां 1 ≤  i ≤ m,  ≤  j  ≤ n ,  

                                    aij ,i वी पंक्ति और j वे स्तम्भ का अवयव है। 

आव्यूह के प्रकार (Type of matrices ):-  

    पंक्ति आव्यूह की परिभाष / row matrix definition : -जिसआव्यूह में केवल एक पंक्ति हो ,उसे पंक्ति 

आव्यूह कहते है। जैसे - आब्यूह[ aij]mxn   एक पंक्ति आव्यूह है ,यदि m =1 

उदाहरण :- [1  3  5  6  7  9 ]   एक 1 x 6 पंक्ति आव्यूह है 

स्तम्भ आव्यूह ( column matrix  ):-    जिस आव्यूह में केवल एक ही स्तम्भ हो ,उसे स्तम्भ आव्यूह कहते है। 

दूसरे शब्दों में इस प्रकार व्यक्त कर सकते है ,जैसे -   [aij ]mxn एक स्तम्भ आव्यूह है ,यदि n =1 

क्षैतिज आव्यूह (Horizontal matrix ):-  जिस आव्यूह में पंक्तियों की संख्या स्तम्भों की संख्या से कम हो ,उसे 

हम क्षैतिज आव्यूह कहते है। जैसे -आव्यूह [aij ]mxn एक क्षैतिज आव्यूह है ,यदि m <n 

उदाहरण :-जिसमे पंक्तियों की संख्या स्तम्भों से कम है 

ऊर्ध्वाधर आव्यूह(Vertical matrix ):- जिस  आव्यूह में स्तम्भों की संख्या पंक्तियों की संख्या से कम 

हो,उसे ऊर्ध्वाधर आव्यूह  कहते है।   जैसे -आव्यूह [aij ]mxn ,जिसमें  m >n    होते है  |   जैसे - 
                                                                                वर्ग आव्यूह(Square matrix ):-   जिसमें पंक्तियों एवं स्तम्भों की संख्या बराबर होती है ,उसे वर्ग 

आव्यूहहै|  जैसे -आव्यूह [aij ]mxn ,जहां m =n है| 
विकर्ण आव्यूह (Diagonal matrix ):-   एक वर्ग आव्यूह जिसमें विकर्ण के अतिरिक्त सभी अवयव शून्य होते है 

उसे विकर्ण आव्यूह कहते है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते है कि आव्यूह  [aij ]mxn एक विकर्ण आव्यूह है।

जहां   m =n ,aij =0 ,यदि   

अदिशआव्यूह(Scalar matrix):- जिस वर्ग आव्यूह में विकर्ण के अवयवों के अतिरिक्त सभी अवयव शून्य होते है। 
तथाआव्यूह के मुख्य विकर्ण के अवयव समान होते है ,उस आव्यूह को अदिश आव्यूह कहते है।   अदिश आव्यूह 

को इस प्रकार भी लिख सकते है ,आव्यूह  [aij ]mxn एक अदिश आव्यूह कहलाता है ,यदि m =n ,aij =0 

,यदि   i≠ j  ,aij =k (स्थिरांक ),यदि i =j                    

इकाई आव्यूह (Unit  matrix ):-  एक वर्ग आव्यूह जिसमे विकर्ण के अतिरिक्त सभी अवयव शून्य होते है ,तथा 

मुख्य विकर्ण के सभी अवयव इकाई होते है ,तो इस प्रकार के आव्यूह को इकाई आव्यूह कहते है|  इस आव्यूह को 

इस प्रकार भी लिख सकते है ,आव्यूह [aij ]mxn एक इकाई आव्यूह होता है ,यदि m =n ,aij =0, यदि  i≠ j  ,       aij =1,यदिi =j 
  
उपरित्रिभुजीय आव्यूह(Upper triangular matrix ):-जिस आव्यूह के मुख्य विकर्ण के नीचे का प्रत्येक अवयव 

शून्य होते है। उसे उपरित्रिभुजीय आव्यूह कहते है ,जैसे -आव्यूह [aij ]mxn एक उपरित्रीजीय आव्यूह कहलाता 

है.यदि m =n ,aij =0 ,यदि i >j 
,
निम्न त्रिभुजीय आव्यूह(Lower triangular matrix ):-    जिस वर्ग आव्यूह के मुख्य विकर्ण के ऊपर का प्रत्येक 

अवयव शून्य होते है ,उसे निम्न त्रिभुजीय आव्यूह कहते है। इसे इस प्रकार भी लिख सकते है ,                             

जैसे आव्यूह [aij ]mxn  एक निम्न त्रिभुजीय आव्यूह कहलाता है ,जहां m =n ,aij =0 यदि  i < j, उदाहरण :-
उप आव्यूह (Sub matrix ):- वह आव्यूह जो कुछ पंक्ति या स्तम्भ या दोनों पंक्ति और स्थम्भो को छोड़कर प्राप्त 

किया जाता है उसे उप आव्यूह कहलाता है| जैसे  -



तुलनीय आव्यूह(Comparable matrixs):-यदि वे दोनों समान कोटि के हो तो ,उसे तुलनीय आव्यूह कहते है। 

जैसे -दोनों आव्यूह की कोटि समान है, जो 2 x 2  उदाहरण द्वारा व्यक्त किया गया है।


समतुल्य आव्यूह(Equal matrixs):-  यदि आव्यूह समान कोटि के है और उनके संगत अवयव समान हो तो उसे 

समतुल्य आव्यूह कहते है|  जैसे-aij =bij  

स्क्यू सममित आव्यूह(Skew symmetric matrix ):- एक वर्ग आव्यूह Aस्क्यू सममित आव्यूह कहलाता है ,यदि 

A    =    -A   ,aij  =  -aij तथा इसमें विकर्ण के सभी अवयव शून्य होते है। aij =0 ,जैसे -
आव्यूहों का योग(Addition of matrices):- यदि A और B दो समान कोटि के आव्यूह है ,तो उनका योग   A +B

[aij +bij ]से वर्णित किया जाता है। या A =[aij ]mxn ,B =[bij ]mxn ,तब योग A +B =[aij +bij ]mxn होता है। 

योग के गुण (Properties of   addition ):-माना A =[aij ],B =[bij ],तथा C =cij समान कोटि  mxn के तीन 

आव्यूह है, तब  A1 ,A +B भी एक mxn कोटि का आव्यूह होगा (Closure नियम से )

A 2        ,A +B =B +A    (क्रम विनिमय नियम से )       

A 3    ,A +(B +C )=(A +B) +C          साहचर्य नियम आव्यूह  से 

A 4,A +0 =A =0 +A (0 एक योज्य तत्समक है ,जहां 0 ,mxn रिक्त आव्यूह है ). 

A 5        ,A +(-A )    = O =  (-A)  +   A (-A ,A का योज्य प्रतिलोम है )

आव्यूहों का अदिश गुणन :-यदि A एक mxn कोटि का आव्यूह है तथा y एक अदिश है ,तब YA ,mxn कोटि की 

आव्यूह की तरह वर्णित किया जाता है जिसका प्रयोग संगत अवयव का Y गुना होता है। 

आव्यूहों का गुणा :-यदि A और B दो  क्रमशःmxn और nxp कोटि के है AB का गुणा केवल वर्णित होता है ,यदि 

A के स्तम्भों  की संख्या B की पंक्तयों के बराबर हो, गुणनफलAB की कोटि mxp होगी।  

इसे इस प्रकारभी  लिख सकते है, यदि  A =[aij ]mxn और B =[bij ]nxp ,

तब AB =c ik, = ∑   aij  bij

                 j=1


आइये हम सरणिक के विषय में अध्ययन कर कि सारणिक किसे कहते हैं?

सारणिक /determinants meaning:-माना A =[aij ]nxn आव्यूह है ,तब  | A  |  एक n कोटि की सारणीय 

कहलाती है।     इसको      Δ   से प्रदर्शित करते है। 

एक n कोटि की सारणिक है संख्याए     a 11 ,a 12 ,----a nn सारणिक के अवयव है। नोट                               

 (1 )सारणिक में स्तम्भों की संख्या पक्तियों की संख्या के बराबर होती है  

(2 )सारणिक का एक आंकिक मान होता है  

                    (3 )वर्ग आव्यूह की व्युत्क्रमता के निर्णय के लिए सारणिक का प्रयोग किया जाता है। 

                 (4 )रैखिक  समीकरणों के हल के लिए भी सारणिक का प्रयोग किया जाता है. | 

सारणिकों के गुण (Properties of determinants):-  

(1 )किसी पंक्ति को स्तम्भ में और स्तम्भ को पंक्ति में बदल देते है ,तो भी सारणिक का मान अपरिवर्तित रहता है। 

(2 )यदि किसी सारणिक के दो स्तम्भ या पंक्तियों को परस्पर बदलते है ,तो सारणिक का चिन्ह बदल जाता है 

,लेकिन आंकिक मान अपरिवर्तित रहता है। 

(3 )यदि किसी सारणिक के दो स्तम्भ या दो पक्ति समान है ,तो सारणिक का आंकिक मान शून्य हो जाता है। 

(4 )यदि सारणिक के किसी पंक्ति या स्तम्भ के प्रत्येक अवयव को अदिश k से गुणा किया जाता है ,तब नई 

सारणिक का मान मूल सारणिक के मान का k गुना होता है। 

(5 )यदि एक सारणिक के एक पंक्ति या स्तम्भ के अवयवों का एक स्थिर गुणक सारणिक के किसी एक अन्यपंक्ति 


या स्तम्भ में जोड़ा जाता है ,तो भी सारणिक का मान अपरिवर्तित रहता है। 

(6 )यदि सारणिक के किसी पंक्ति या स्तम्भ में प्रत्येक अवयव के r पद हो ,तब सारणिक को r सारणिकों के योग 

के रूप में व्यक्त करते है। 

वर्ग आव्यूह का  सहखण्डज  आव्यूह (A djoint of a square matrix ):-  वर्ग आव्यूह A का सहखण्डज  ,

आव्यूह A के अवयवों को उनके A में संगत सहखण्डज से बदलने से बने आव्यूह का परिवर्त ,आव्यूह ही 

सहखण्डज आव्यूह कहलाता है। आव्यूह A के सहखण्डज को  A dj A से प्रदर्शित किया जाता है। 

उदाहरण:- A का सहखण्डज AdjA ज्ञात करना है

हल:- Adj A सहखण्डज निकलना  है 

अव्युत्क्रमणीय आव्यूह ( Singular matrix  ):-एक वर्ग आव्यूह A अव्युत्क्रमणीय आव्यूह कहलाता है ,यदि 

इसकेसारणिक का मान शून्य न हो ,अर्थात |A|   0 


उदाहरण :- निचे दिये गये आव्यूह एक अव्युत्क्रमणीय आव्यूह है। 

वर्ग आव्यूह का व्युत्क्रम (Inverse of a square matrix ):- माना A एक कोटि की आव्यूह है ,यदि कोटि के वर्ग 

आव्यूह का अस्तित्व इस प्रकार हो ,कि AB =In =BA   जहां B को A का व्युत्क्रम आव्यूह कहते है ,A के व्युत्क्रम 

को  A-1   से प्रदर्शित करते है ,यदि B ,A व्युत्क्रम है तो A ,B का व्युत्क्रम होता है। 

A .(Adj A )= |A| . I 
                           
=(Adj A ). A 
उदाहरण:-दिये गये   नीचे   आव्यूह A का A-1   ज्ञात कीजिए। 


क्रेमर का नियम (Cramers rule ):-यह नियम रैखिक समीकरणों को व्यक्त करके हल करने की पध्दति है यदि 
 
 |A|   0 तब ,   x1 = |  A1| /| A | ,   x 2=|  A 2 | /| A|   ,  x 3 =| A 3 | /| A | ----  -------------x n  = | A n| /| A |  

जहाँ   .|A 1 | ,| A2|  ,  | A 3|  -------| A n|  |  A |  के प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय ----n वें स्तम्भ के अवयवों को B के 

अवयवों से बदलने पर प्राप्त सारणिक है  |                                                                                                     

उदाहरण ;-नीचे दिए गए समीकरणों को क्रेमर नियम से हल कीजिए -                                                                x +y +z =9 
2 x+5 y +7 z =52 
2 x +y -z =0 
हल :-                                                                                                                                                             
उदाहरण:- निचे दिये गये सारणिक का माना ज्ञात कीजिए।                                                                                              
                                  उदाहरण :-  निचे दिये गये समीकरण के मूल ज्ञात कीजिए  |      
                                                                                                               
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निष्कर्ष :-
  किसी वस्तु ,सामग्री ,तत्व ,एवं अवयव को पक्तियों तथा स्थम्भो के रूप में प्रदर्शित करने की सरल एवं 

सुव्यस्थित प्रक्रिया ही  आव्यूह और सारणिक द्वारा व्यक्त किया जाता है। 
                                                                                                                                                               
         


 
   
                                                                


                                    
 


 





   


                        
                                                                                                                                                                                                                                                







 

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