calendar questions , कैलेण्डर के प्रश्न
भूमिका :- कैलेण्डर के अध्ययन के लिये दिन ,महीना ,एवं वर्ष का पारस्परिक संबन्धों को जानना आवश्यक है,जिनके माध्यम से उनका सरल ,स्पष्ट एवं बैज्ञानिक आधार हमे प्राप्त हुआ |कैलेण्डर के विषय में समय मापने की मुख्य एवं छोटी इकाई दिन को माना गया है| जब रोम के 13वे पाँप ग्रेगरी महोदय ने प्रभु जीसस की जन्म तिथि 1 जनवरी सन 1 निर्धारित करते हुए उसी दिन से अपने कैलेण्डर की शुरुआत किया | ग्रेगरी महोदय ने अपने कैलेण्डर की प्रमाणिकता बनाये रखने के लिए वर्षो का विश्लेषण करके दो भाग में विभाजित किया| प्रथम साधारण वर्ष तथा द्वितीय अधिवर्ष है |
कैलेण्डर :- कैलेण्डर के किसी वर्ष में सन्निहित दिन ,सप्ताह ,माह एवं तिथि को व्यक्त करने वाली तालिका है जिसमे विभिन्न प्रकार के तथ्यों का समावेश किया जाता है |
कैलेण्डर की प्रमुख इकाईयां :-
दिन :- कैलेण्डर के किसी सप्ताह के सातवें भाग को एक दिन कहा जाता है सप्ताह में कुल सात दिन होते है जिसमे प्रथम दिन सोमवार और क्रमशः मंगलवार ,बुधवार ,वृहस्पतिवार ,शुक्रवाए ,शनिवार एवं रविवार होते है | |कैलेण्डर के विषय में समय मापने की मुख्य एवं छोटी इकाई दिन है|
सप्ताह :- वर्ष के किसी महीने के चौथे अथवा वर्ष के 48वें भाग को सप्ताह कहते है ,एक सप्ताह में कुल 7 दिन होते है |
तिथि:- वर्ष में विभिन्न तिथि पाई जाती है जिसमे किसी वर्ष किसी महीने में 1 से 28 /29 /30 /31 दिन के अंको द्वारा निरूपित अवधि को तिथि कहा जाता है |
महीना :- किसी भी वर्ष में कुल 12 महीना /माह होते है जो निम्न प्रकार के है -जनवरी ,फरवरी ,मार्च ,अप्रैल ,मई ,जून ,जुलाई ,अगस्त ,सितम्बर ,अक्टूबर ,नवम्बर दिसम्बर है|
वर्ष के 12 माह में 7 माह 31 दिन ,4 माह 30 दिन के तथा एक माह 28 /29 दिन के होते है ,जिसमे जनवरी ,मार्च ,मई ,जुलाई, अगस्त,अक्टूबर एवं दिसम्बर 31दिन के और अप्रैल , जून ,सितम्बर एवं नवम्बर 30 दिन के तथा फरवरी 28 /29 दिन की होती है | फरवरी साधारण वर्ष में 28 दिन तथा लीप वर्ष में 29 दिन की होती है |
वर्ष :- किसी शताब्दी के १००वे भाग अथवा 12 महीने की संयुक्त अवधि को वर्ष कहते है | वर्ष दो प्रकार के होते है (1 ) साधारण वर्ष या सामान्य वर्ष (2 )अधिवर्ष या लीप वर्ष
साधारण वर्ष :-पृथवी 1 दिन में अपनी धुरी पर एक चक्कर में लगे औसत समय के बराबर होता है | जब पृथवी सूर्य का एक चक्कर एक सौर वर्ष में लगती है जो 365 दिन 5 घण्टा 48 मिनट 47.5 सेकण्ड के बराबर होता है जो लगभग 365.2422दिन के बराबर है |
एक साधारण वर्ष में 365 दिन के बराबर होते है जिन वर्षो में 4 का भाग नहीं जाता है उसे साधारण वर्ष कहते है| जैसे- 2017 ,2018 ,2019 ,2021 , 2022 , 2023 आदि
किसी साधारण वर्ष का जो पहला दिन होता है वही उसका अंतिम दिन होता है और अगला वर्ष में 1 दिन बढ़ जाता है उसके अगला वर्ष में 1 दिन और बढ़ जाता है | जैसे 1 जनवरी 2021 में शुक्रवार है तो 31 दिसंबर में भी शुक्रवार है और 1 जनवरी 2022 को शनिवार है तो 31 दिसंबर को भी शनिवार है और उसके अगले 1 जनवरी 2023 को रविवार है तो 31 दिसंबर को भी रविवार है |
अधिवर्ष:-एक साधारण लगभग 365.2422 दिन के बराबर होते है इनका शुद्ध मान 365 दिन हुआ ,क्रमशः चार वर्षो में इनकी बृद्वि। . 2422 x 4 = .9688 दिन | यदि शुद्ध मान ज्ञात किया जाय तो 1 दिन की वृद्धि चौथे वर्ष में होती है उसे लीप वर्ष कहते है लीप वर्ष 366 दिन के होते है जिन वर्षो में 4 से पूरी तरह बिभाजित हो जाता है उसे लीप वर्ष कहते है | जैसे -1992 ,1996, 2016 ,2020 2024 ,2028 आदि
किसी लीप वर्ष का जो पहला दिन होता है उसका अन्तिम दिन एक दिन आगे और अगला वर्ष का पहला दिन एक दिन और आगे तथा उसका अन्तिम दिन आगे होगा | जैसे -1 जनवरी 2008 को मंगलवार ,तो 31 दिसम्बर 2008 को बुधवार है ,तथा 1 जनवरी 2009 को वृहस्पतिवार पड़ेगा ,31 दिसम्बरशुक्रवार होगा |
शताब्दी लीप वर्ष:- यदि शताब्दी वर्ष की संख्या में अगर 400 से भाग देने पर पूरी -पूरी विभाजित हो जाय तो उसे शताव्दी लीप वर्ष कहते है अर्थात प्रत्येक चौथा शताब्दी वर्ष लीप वर्ष होगा| जैसे -सन 400 ,800 ,1200 ,1600 ,2000 आदि | 400 वर्षो में पड़ने वाले 100 लीप वर्षो में से 3 वर्ष को छोड़ दिया तो 97 लीप वर्ष प्राप्त होंगे |
विषम दिन की अवधारणा :- एक सप्ताह में 7 दिन होते है क्रमशः सोमवार ,मंगलवार ,बुधवार ,वृहस्पतिवार ,शुक्रवार ,शनिवार तथा रविवार आते है तथा इसके बाद पुनः चक्र दोहराता रहे | 7 दिन में एक चक्र पूरा होता है | अतः 8वा,9वा,10वा,11वा,12वा ,13वा ,14वा के बाद पुन 15 वा तीसरा चक्र प्रारम्भ होकर 21 वा चक्र पूरा होगा |
विषम दिन:- 7 दिनों के पूरे चक्र के बाद शेष बचे अतिरिक्त दिनों को विषम दिन (odd days) कहा जाता है | जैसे-8 दिनों में विषम दिन =8 /7 =1 बार और 1 शेष है, शेष ही 1 विषम दिन हुआ |
दिनों की संख्या ------------ विषम दिन
8 => 8 /7 1
16 =>16 /7 2
21 =>21/7 0
विषम दिन ज्ञात करना :- विषम दिन ज्ञात करने के लिए 7 से भाग दिया जाता है ,भाग की क्रिया के बाद जो शेष बचता है उसे विषम दिन कहते है विषम दिन 6 से अधिक नहीं होते है|
माह -------------- दिनों की संख्या ---------- विषम दिन
जनवरी 31 =>31 /7 3
फरवरी 28 ,29 =28 /7और 29 /7 0 , 1
मार्च 31 => 31 /7 3
अप्रैल 30 => 30 /7 2
मई 31 => 31 /7 3
जून 30 => 30 /7 2
जुलाई 31 =>31 /7 3
अगस्त 31 =>31 /7 3
सितंबर 30 => 30 /7 2
अक्टूबर 31 =>31 /7 3
नवम्बर 30 => 30 /7 2
दिसम्बर 31 =>31 /7 3
साधारण वर्ष में विषम दिन ज्ञात करना :- 1 साधारण वर्ष =365 दिन
365 /7 =52 सप्ताह +1 दिन =>1 विषम दिन
एक साधारण वर्ष में 1 विषम दिन होते है |
लीप वर्ष में विषम दिन ज्ञात करना :- 1 साधारण वर्ष =366 दिन
366 /7 =52 सप्ताह +2 दिन =>2 विषम दिन
एक लीप वर्ष में 2 विषम दिन होते है |
एक शताब्दी वर्ष में विषम दिन ज्ञात करना :- एकशताब्दी वर्ष =100 वर्ष
100 वर्ष =76 साधारण वर्ष +24 लीप वर्ष
= ( 76 x 52)सप्ताह + (76 x 1 )दिन +(24 x 52 )सप्ताह +(24 x 2)दिन
= 5200 सप्ताह +124 दिन
= 5200सप्ताह +17 सप्ताह +5 दिन शेष
अतः 100 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या 5 दिन होगी |
=> 200 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या =2 x5/7 = 1 बार ,3 शेष दिन
अतः 200 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या 3 होगी |
= > 3 00 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या =3 x5/7 = 2 बार ,1 शेष दिन
अतः 300 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या 1 होगी |
=> 4 00 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या =4 x5 =20
चौथी शताब्दी लीप वर्ष होती है इसलिए विषम दिनों की संख्या में 1 और जोड़ना पड़ेगा|
∴ 4 00 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या =4 x5 =20 +1/7 = 3 बार +0शेष
अतः 4 00 वर्ष की अवधि में विषम दिनों की संख्या 0 होगी |
कैलेण्डर वर्ष:- प्रत्येक1जनवरी सेआरम्भ होकर 31 दिसम्बर तक की अवधि को कैलेण्डर वर्ष कहते है |
वित्तीय वर्ष:- प्रत्येक 1 अप्रैल से आरम्भ होकर 31 मार्च तक की अवधि को वित्तीय वर्ष कहते है |
विषम दिन का उपयोग :-किसी निश्चित तिथि को कौन सा दिन होगा ,उसे ज्ञात करने के लिए विषम दिनों का प्रयोग किया जाता है इसकी शुरुआत ईस्वी संवत से हुई | ईस्वी संवत (AD) शुरुआत सोमवार से हुई | अर्थात 1 जनवरी सन 1 को सोमवार था| अतः ईस्वी सन में चलने वाले 7 दिनों के चक्र में प्रथम दिन सोमवार तथा अंतिम दिन रविवार है | 1 जनवरी 1 AD से 31 दिसम्बर 1 AD तक 1 वर्ष होगा अर्थात 1 जनवरी 1 AD से 31 दिसम्बर 1 AD तक विषम दिन 1 होगा | निम्न वृत्तीय चार्ट में दिया गया है|
विभिन्न परीक्षाओ में पूछे जाने वाले प्रश्न एवं अनुप्रयोग:-
उदाहरण 1 :- 20 जून 1837 को कौन सा दिन था?
हल:- 20 जून 1837 =20 जून 1836 पूण वर्ष +5 पूण महीना +20 दिन
=> 1836 वर्ष में विषम दिन इस प्रकार निकले (इसको इस प्रकार भी लिख सकते है )
=1600 वर्ष तक विषम दिन +200 वर्ष तक विषम दिन +36 वर्ष तक विषम दिन
= 0 +3 +27 साधारण वर्ष +9 लीप वर्ष
= 0 +3 +27 x 1 +9 x 2 =48/7 = 6 बार ,6 शेष (विषम दिन निकलने के लिए 7 से भाग दिया जाता है )
=>1 जनवरी 1837 से 20 जून 1837 तक विषम दिन निकलना
= जनवरी +फरवरी +मार्च +अप्रैल + मई +20 दिन
= 3 +0 +3 +2 +3 +6 =17
=>1 जनवरी सन 1 से 20 जून 1837 तक कुल विषम दिन =6 +17 =23 /7 =3 बार ,2 शेष
=2 विषम दिन
अभीष्ट उत्तर=>20 जून 1837 को मंगलवार होगा |
उदाहरण 2 :- 15 अगस्त 1947 को कौन सा दिन था?
हल:- 15 अगस्त 1947 =15 अगस्त 1946 पूण वर्ष +7 पूण महीना +15 दिन
=> 1946 वर्ष में विषम दिन इस प्रकार निकले (इसको इस प्रकार भी लिख सकते है )
=1600 वर्ष तक विषम दिन +300 वर्ष तक विषम दिन +46 वर्ष तक विषम दिन
= 0 +1 +35 साधारण वर्ष +11 लीप वर्ष
= 0 +1 + 35 x 1 +11 x 2 =5 8/7 = 8 बार ,2 शेष (विषम दिन निकलने के लिए 7 से भाग दिया जाता है )
=>1 जनवरी 1947 से 15 अगस्त 1947 तक विषम दिन निकलना
= जनवरी +फरवरी +मार्च +अप्रैल + मई +जून +जुलाई + 15 दिन
= 3 +0 +3 +2 +3 +2 +3 + 1 =17
=>1 जनवरी सन 1 से 15 अगस्त 1947 तक कुल विषम दिन =2 +17 =19 /7 =2 बार , 5 शेष
=5 विषम दिन =शुक्रवार
अभीष्ट उत्तर=>15 अगस्त 1947 को शुक्रवार होगा |
उदाहरण 3 :- 26 जनवरी 1950 को कौन सा दिन था?
हल:- 26 जनवरी 1950 =26 जनवरी 1949 पूण वर्ष +26 दिन
=> 1949 वर्ष में विषम दिन इस प्रकार निकले (इसको इस प्रकार भी लिख सकते है )
=1600 वर्ष तक विषम दिन +300 वर्ष तक विषम दिन + 49 वर्ष तक विषम दिन
= 0 +1 +40 साधारण वर्ष +7 लीप वर्ष
= 0 +1 +40 x 1 +7 x 2 =55 /7 = 7 बार ,6 शेष (विषम दिन निकलने के लिए 7 से भाग दिया जाता है )
=>1 जनवरी 1950 से 26 जनवरी 1950 तक विषम दिन निकलना
= 26 /7 = 3 बार, 5 शेष
=>1 जनवरी सन 1 से 26 जनवरी 1950 तक कुल विषम दिन =6 +5 =11 /7 =1 बार ,4 शेष
=4 विषम दिन =>वृहस्पतिवार
अभीष्ट उत्तर=>26 जनवरी 1950 को वृहस्पतिवार होगा |
उदाहरण 4 :-15 जुलाई 1964 को बुध्दवार था तो 15 जुलाई 1965 को कौन दिन होगा ?
हल :- 15 जुलाई 1965=बुध्दवार+ 1 =गुरुवार
अभीष्ट उत्तर=> 15 जुलाई 1965 गुरुवार होगा |
उदाहरण 5 :-1 अप्रैल 2019 सोमवार है तो1 अप्रैल 2020 को कौन दिन होगा ?
हल:- 1 अप्रैल 2019 = सोमवार
1 अप्रैल 2020=> सोमवार+2 = बुध्दवार
अभीष्ट उत्तर=> 1 अप्रैल 2020 बुध्दवार होगा |
(नोट:- यदि दिनांक एक ही हो और वर्ष का अन्तर 1 वर्ष हो तो तथा लीप वर्ष के बाद साधारण वर्ष आये तो दिये गये दिन में 1 दिन जोड़ देते है| साधारण वर्ष के बाद लीप वर्ष केआये तो दिये गये दिन में 2 दिन जोड़ देते है| )
उदाहरण 6:- 10 दिसम्बर 1981 को गुरुवार हो तो 10 दिसम्बर 1991 को कौन दिन होगा ?
हल :-10 दिसम्बर 1981 से 10 दिसम्बर 1991 का अन्तर =10 वर्ष
10 वर्ष में लीप वर्ष =1981 ,1984 ,1988, 1991 =>2 लीप वर्ष
Trick- दिनांक +2 =10 +2 =12 /7 = 1 बार ,5 शेष
=>गुरुवार +5 =सोमवार
अभीष्ट उत्तर=> 10 दिसम्बर 1991को सोमवार होगा |
उदाहरण 7:- 1 फरवरी 1920 को गुरुवार हो तो 5 मार्च 1920 को कौन दिन था ?
हल :- 1920 लीप वर्ष =1920 /4 = 4 8 0 बार
लीप वर्षहो तो =फरवरी=> 29 दिन
जितना दिन बीत चुका है उतना घटाते है =29 -1 =28 दिन
विषम दिन =28 +5 =33 /7 =4 बार ,5 शेष
Trick- दिनांक +2 =10 +2 =12 /7 = 1 बार ,5 शेष
=>गुरुवार +5 =सोमवार
अभीष्ट उत्तर=> 10 दिसम्बर 1991को सोमवार होगा |
उदाहरण 8 :- 400 वर्षो में कितनी बार29 तारीख पड़ेगी ?
हल:- फरवरी को छोड़ कर हर 11 माह में 29तारीख पड़ेगी
= 400x11 =4400
400 वर्षो में 97 लीप वर्ष होते है
29 तारीख की कुल संख्या = 4400 +97 =4497
अभीष्ट उत्तर =>4497
उदाहरण 9 :- मोहन का जन्म 23 मार्च 1908 को सोमवार के दिन हुआ था किस तारीख तथा दिन को वह 12 साल ,2 माह तथा 5 दिन का हो जयेगा ?
हल:- मोहन का जन्म 23 मार्च 1908+12 = 23 मार्च 1920
2 माह= 23 मार्च से 23 अप्रैल 1920 तथा 23 अप्रैल 1920से 23 मई 1920 तक
5 दिन =23 मई 1920 तक+5 =28 मई 1920 को होगा |
28 मई 1920=28 मई 1919 +4 माह +28 दिन का विषम दिन
=> 1600 +300 +15 x1 +4 x 2+जनवरी +फरवरी +मार्च +अप्रैल + 28 दिन
= 0 +1 +15 +8 +जनवरी +फरवरी +मार्च +अप्रैल + 28 दिन
= 3 +3 +1 +3 +2 +0 =12 /7 =1 बार ,5शेष
=5 विषम दिन =>शुक्रवार
अभीष्ट उत्तर =>28 मई 1920तथा शुक्रवार
उदाहरण 10:- स्वतंत्रता दिवश सोमवार को मनाया गया| स्वतंत्रता दिवश के 5 दिन बाद दादा जी बीमार पड़े और गणतन्त्र दिवश पर चल बसे ,उनकी मृत्यु किस दिन हुई?
हल:- स्वतंत्रता दिवश =15 अगस्त से 26 जनवरी तक विषम दिन
=16 दिन +सितंबर +अक्टूबर +नवम्बर +दिसम्बर +26 दिन
=2 +2 +3 +2 +3+ 5=17 /7 = 2 बार ,3 शेष
= सोमवार+3 =>वृहस्पतिवार
अभीष्ट उत्तर =>वृहस्पतिवार
निष्कर्ष :-कैलेण्डर के माध्यम द्वारा किसी व्यक्ति के जन्म एवं मृत्यु तथा अनेक स्थित-परिस्थित ,घटना -दुर्घटना की तारीख एवं दिन की जानकारी सरल एवं वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सही -सही ज्ञात की जाती है|
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