लघुत्तम समापवर्त्य (Least common multiple ):-वह छोटी -छोटी संख्या जो प्रत्येक दी गयी संख्या द्वारा पूर्णतम विभाजित हो जाय ,दी गयी संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य कहते है, या दो या दो से अधिक दी हुई संख्याओं के सबसे छोटी सम या अपवर्त्य को दी हुई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य कहते कहते है | अपवर्त्य( multiple ) : -किसी संख्या में प्राकृतिक संख्याओं (1 ,2 ,3 ,4 ,----)से गुणा करने पर उस संख्या के विभिन्न गुणज अथवा अपवर्त्य प्राप्त होते है | संख्या 1 के अपवर्त्य 1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 ---,संख्या 2 के अपवर्त्य 2 ,4 ,6 ,8 ,, , संख्या 3 के अपवर्त्य 3 ,6 ,9 इस प्रकार अन्य संख्याओं का अपवर्त्य ज्ञात कर सकते है |
अपवर्तक :- कोई संख्या जिन -जिन संख्याओं से पूरी -पूरी विभाजित हो जाती है वे संख्याएँ उस संख्या की अपवर्तक कहते है,जैसे -संख्या 2 के अपवर्तक 1 ,2 होते है | संख्या 6 केअपवर्तक 1 ,2 ,3 ,6 है | संख्या 15 के अपवर्तक 1 ,3 ,5 ,15 है | संख्या 84 के अपवर्तक 1 ,2 ,3 ,4 ,6 , 7 ,12 ,14 ,21 ,28 ,42 84 है | .1 प्रत्येक संख्या का अपवर्तक है| ,. प्रत्येक संख्या स्वयं का अपवर्तक होती है | ,. किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्तक उस संख्या का एक पूर्ण विभाजक है |,. किसी दी हुई संख्या के अपवर्तको की संख्या सीमित होती है | .किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्तक उस संख्या से छोटी या उसके बराबर होती है| :- वे संख्याए जिनके अपवर्तक 1 और स्वयं वही संख्या ही होती है ,उसे अभाज्य संख्याए कहते है | जैसे-1 =1 x 1,3 =1x 3 ,5 =1 x 5,7 =1 x 7 :- वे संख्याए जिनके अपवर्तक दो से अधिक होते है उसे भाज्य संख्याए कहते है | जैसे -2 =1 , 2 ,4 =1 , 2 , 4 ,6 =1 , 3 ,6 8 =1 ,2 ,4 , 8 समापवर्तक :- वह राशि जिससे दो या अधिक राशियों को अलग -अलग भाग देने पर पूरा -पूरा कट जाय उसे समापवर्तक कहते है ,जैसे -24 ,36 ,48 को 12 से भाग देने पर पूरा-पूरा कट जाय,12 उक्त तीनो राशियों का समापवर्तक है | समापवर्त्य:- वह राशि जिससे दो या अधिक राशियों से भाग देने पर पूरा -पूरा विभाजित हो उसे समापवर्त्य कहते है | जैसे -8 ,12 ,16 का समापवर्त्य 48 है | लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने की विधियां:- (1 ) गुणनखण्न विधि :- (1 ) सर्व प्रथम संख्याओ के अभाज्य गुणनखण्ड कीजिए (2 )सभी संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्डों को देखकर सबसे छोटा गुणनखण्ड चुनिए वह जिस किसी संख्या में सबसे अधिक बार आया हो ,उसे उतनी ही बार उतार लीजिए | (3 )उसके बाद उससे बड़े अभाज्य गुणनखण्डको चुनिए ,उसे भी जीतनी बार आया है उतनी बार उतार लीजिए | 4 ) शेष सभी गुणनखण्डों को उतार लीजिए | (5 )सभी का गुणा करके से जो संख्या प्राप्त होती है उस संख्या को लघुत्तम समापवर्त्य कहते है | उदाहरण - 12 ,16 ,24 का ल 0 स 0 ज्ञात कीजिए , हल- 12 =2 x 2 x 3, 16 = 2 x 2 x 2 x 2 , 24 =2 x 2 x 2 x 3 ल 0 स 0 =2 x 2 x 2 x 2 x 3 =48 उदाहरण- वह छोटी -छोटी संख्या क्या होगी जो 10 ,20 ,30 ,40, 50 से पूर्णतया विभाजित हो जाय | हल - 10 =2 x 5
20 =2 x 2 x 5
30 = 2 x 3 x 5
40 =2 x 2x 2 x 5
50=2 x 5 x 5 ल 0 स 0 =2 x 2 x 2 x 3 x 5 x 5 =600 नोट- दो या दो से अधिक संख्याओं का ल 0 स 0 उनमे से किसी भी छोटी नहीं हो सकती ,वह उनमे से सबसे बड़ी संख्या के बराबर हो सकता है | (2 ) भाग विधि :- (1 ) सर्वप्रथम कम से कम दो संख्याओं में उभयनिष्ठ सबसे छोटी अभाज्य संख्या से सभी संख्याओं में भाग देते हुए भागफल उन संख्याओं के ठीक नीचे उतार लेते है | (2 )जिन संख्या में भाग नहीं जाता हैउसे उसके नीचे यथावत उतार लेते है | (3 )इस क्रिया को तब तककरते जाता है जब तक सभी संख्याओं के नीचे सह -अभाज्य संख्याए न आ जाए | (4) अन्तिम भाग देने पर भागफल 1 हो जाये | (5 )सभी भाजक संख्याओं परस्पर गुणा करने पर ल 0 स 0 ज्ञात होता है | उदाहरण- 16 ,32 ,64 ,ल 0 ज्ञात कीजिए |
नोट -दो या दो से अधिक संख्याओं का ल 0 स 0 उनमें से किसी भी छोटी नही हो सकता वह उनमें से सबसे बड़ी संख्या के बराबर हो सकता है | भिन्नों का ल 0 स 0 ज्ञात करना :- जैसे 2 /3 तथा 3 /4 का ल 0 स 0 ज्ञात कीजिए |
ल 0 स 0 =अंशो का ल 0 स 0 /हरो का म 0 स 0 = 2 और 3 का ल 0 स 0 प 0 /3 और 4 का म 0 स 0 = 6 /1 x 3 और 1 x 4 = 6 /1 =6 दशमलव संख्याओं का लघुत्तम समापवर्तक ज्ञात करना:- सबसे पहले दशमलव संख्या को अंको की संख्या समान बना ले फिर इन संख्याओं में से दशमलव हटाकर उन्हें पूर्णांक की तरह प्रयोग करते है तथा ल 0 स 0 ज्ञात करते है फिर यथास्थान पर दशमलव लगा देते है नोट -जितना से गुणा करे उतना से भाग दे तो दशमलव सही स्थान पर लग जायेगा | जैसे - 0 .6 , 9.6 , 0.36 का ल 0 स 0 ज्ञात करे |
घतो का ल 0 स 0 ज्ञात करना :-किसी दि गयी संख्या में जिस संख्या का घात अधिक होगा ,वही संख्या ल 0 स 0 होगी | जैसे 5 2, 53, 5⁵,में ल 0 स 0 ज्ञात कीजिए हल - इसका उत्तर 5⁵ है महत्तम समापवर्तक ( Highest common facter ):- वह बड़ी से बड़ी संख्या से जो दी गयी दो या दो से अधिक संख्याओं को पूरी -पूरी विभाजित करे उसे म 0 स 0 कहते है ,जैसे -12 ,18 का म 0 स 0 ज्ञात कीजिए | हल -12 =2 x 2 x 3 , 18=2 x 3 x 3 अभीष्ट संख्या = 2 x 3 =6 (जो दो संख्या में शामिल होते है उसे उतार कर आपस में गुणा करने पर म 0 स 0= 6 है ) गुणनखण्ड विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना :- (1 ) पहले सभी संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्डों को देखकर उनमे सबसे छोटी अभाज्य गुणनखण्ड़ चुनिए ,वह जितनी बार सभी संख्याओं के गुणनखण्डों में सर्वनिष्ठ हो उसे उतनी ही बार उतार लीजिए | (2 )इसी क्रम में उससे बड़े अभाज्य गुणनखण्ड़ को चुनकर वह जितनी बार सभी संख्याओं के गुणनखण्ड में सर्वनिष्ठ हो उसे भी उतनी ही बार लिखिए | (3 ) इसी प्रकार सभी सर्वनिष्ठ गुणनखण्डों को उतार लीजिए | (4 ) सभी सर्वनिष्ठ संख्या का आपस में गुणा करके अभीष्ट म 0 स 0 ज्ञात कर लीजिए | उदाहरण - 48 ,64 ,72 का म 0 स 0 ज्ञात कीजिए | हल - 48 =2 x 2 x 2 x 2 x 3 64 =2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 2 72 =2 x 2 x 2 x 3 x 3 म 0 स 0 =2 x 2 x 2 =8 (जो सभी संख्याओं में शामिल हो उसे उतार कर लिख लेते है शेष छोड़ देते है) भाग विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना :- बड़ी संख्या में छोटी संख्या से भाग दिया जाता है जो शेष प्राप्त होता है उससे प्रथम भाजक संख्या में भाग दिया जाता है पुनः शेष आने पर द्वितीय भाजक संख्या से भाग देते है जब शेषफल शून्य आने पर अन्तिम भाजक ही अभीष्ट म 0 स 0 होगा | उदहारण - 306 तथा 630 का म 0 स 0 ज्ञात कीजिए |
दो संख्या दी गयी और ल 0 स 0 ,या म 0 स 0 दिया गया हो तो आपस मे संबन्ध का सूत्त - म 0 स 0 x ल 0 स 0 =प्रथम संख्या x द्वितीय संख्या उदहारण -यदि दो संख्याओं का म 0 स 0 18 तथा ल 0 स 0 504 है ,यदि एक संख्या 72 है तो दूसरी संख्या ज्ञात कीजिए| हल- 18 x 504 =72 x दूसरी संख्या दूसरी संख्या =18x 504 /72 =126
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