परिमेय संख्याएँ (Rational number) :- परिमेय शब्द की उत्पत्ति अनुपात (ratio )से हुई है | जब कोई दो पूर्णांक P और q के अनुपात p :q को p /q व्यक्त किया जा सकता है जहां q ≠0 तो उस परिमेय संख्याएँ कहते हैं
जैसे - 0 =0/1 , 4 /1 =4 ,9 /2 ,-3 /8 ,-1 /2 आदि |
सभी धन ,ऋण ,शून्य ,सम ,विषम ,भाज्य ,अभाज्य ,तथा क्रमागत आदि संख्याएँ परिमेय संख्याएँ होती हैं क्योंकि वे हर के स्थान पर 1 लिख देने से p /q के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं ,एक परिमेय संख्या को अनन्त रूप में लिखा जा सकता है तथा अनन्त रूप में लिखी गई प्रत्येक परिमेय संख्या का मान समान होता है |
अपरिमेय संख्याएँ (Irrational number ):-वह संख्या जो p /q के रूप मे व्यक्त नहीं की जाती है उसे अपरिमेय संख्याएँ कहते है | जहाँ p /q ,q =0 ,जैसे -√2 ,√5 ,√8 ,√11, 5-√5 , π, ϴ
सभी भिन्ने परिमेय संख्याएँ :- सभी भिन्ने p /q के रूप मे होने के कारण सभी भिन्न परिमेय संख्याएँ होती है उदाहरण - 7 /11, 4 /9 क्या परिमेय संख्याएँ है?
हल - p /q =7 /11 जहां q ≠0 ,इसलिए 7 /11एक परिमेय संख्या है p /q =4 /9 जहां q ≠0
धनात्मक परिमेय संख्याएँ :-यदि अंश और हर दोनों धनात्मक पूर्णांक हो या अंश और हर दोनों ऋणात्मक पूर्णांक हो, तो उसे धनात्मक परिमेय संख्याएँ कहते है | यदि x तथा y धनात्मक और -x तथा -y ऋणात्मक हो उनके अनुपात x /y तथा -x /-y इसका धनात्मक परिमेय संख्याएँ कहते हैं | जैसे- 3 /7,5 /8 ,-3 /-7,-5 /-12 ये सभी धनात्मक परिमेय संख्याएँ है |
ऋणात्मक परिमेय संख्याएँ :-यदि अंश और हर पूर्णांक में से एक भी पूर्णांक ऋणात्मक हो तो उसे ऋणात्मक परिमेय संख्याएँ कहते हैं | ऋणात्मक परिमेय संख्याएँ = -x /y=x /-y , जैसे - -3 /5 , 7 /-12 ,जहां p /q =-3 /5 =-7 /12 , q ≠0
शून्य परिमेय संख्या :-शून्य को भी अनुपात के रूप में व्यक्त किया जा सकता है उसे शून्य परिमेय संख्या कहते है | पूर्णांक 0 को भी ०/1 ,०/2 ,०/3 ,0 /4 ---------0 /12 आदि लिखा जा सकता है ,जहां p /q , q ≠0
अतः 0 भी परिमेय संख्या है |
सम परिमेय संख्याएँ :- वे संख्या जो 2 से भाग देने पर पूर्णतः विभाजित हो जाती उसे p /q के रूप में व्यक्त किया जा सकता है (जहां q ≠0 )उसे सम परिमेय संख्याएँ कहते है | उदाहरण - 2 ,4, 6 , और -2 ,-4 ,-6 क्या परिमेय संख्याएँ है ? हल :- p /q =2 /1 , 4 /1 ,6 /1
p /q =-2 /1 ,-4 /1 ,-6 /1
p /q (जहां q ≠0 ) ये सब परिमेय संख्याएँ होगी |
विषम परिमेय संख्याएँ :- जो संख्या 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती उसे विषम परिमेय संख्याएँ कहते है |उदाहरण - 3 ,5 ,7, 11 ,-3 ,-5 ,-7 ,-11 क्या परिमेय संख्याएँ है ?
हल - p /q = 3 /1 , 5 /1 ,7 /1 ,11 /1
p /q =-3/1 ,-5 /1 ,-7 /1 ,-11/ 1
जहां q ≠0 सभी विषम परिमेय संख्याएँ है |
भाज्य परिमेय संख्याएँ :-वे संख्याए जो 1 तथा अपने के अलावा भी किसी अन्य संख्या से पूर्णतः विभाजित हो तथा p /q के रूप में लिखी जा सके उसे भाज्य परिमेय संख्याएँ कहते है | जैसे -6 ,8
6 =1 x 2 x 3 =6 /1
8 =1 x 2 x 4 =8 /1 जहां q ≠0 सभी भाज्य परिमेय संख्याएँ है |
अभाज्य परिमेय संख्याएँ :-वे संख्याए जो 1 और स्वमं के अलावा किसी अन्य संख्या से पूर्णतः विभाजित नहीं की जा सकती है तथा p /q के रूप में लिखी जा सकती है उसे अभाज्य परिमेय संख्याएँ कहते है | जैसे -3 ,5 ,7
p /q =3 /1 ,5 /1 ,7 /1 , जहां q ≠0 सभी अभाज्य परिमेय संख्याएँ है |
क्रमागत परिमेय संख्याएँ :-वे संख्याएँ जो निर्धारित क्रम के अनुसार आती है तथा p /q के रूप में व्यक्त की जा सकती है उसे क्रमागत परिमेय संख्याएँ कहते है | जैसे - 1 ,2 ,3 ,4 ,5, p /q =1 /1 ,2 /1 ,3 /1 ,4 /1 ,5 /1 ( जहां q ≠0 )
जैसे- 2 ,4 ,6 ,8 ,10 , p /q =2 /1 ,4 /1 ,6 /1 ,8 /1 ,10 /1 ( जहां q ≠0 )
परिमेय संख्याओं के प्रगुण :-
(1 )समतुल्यता का प्रगुण :-किसी भिन्न के अंश तथा हर में क्रमशः 2 ,3 ,4 ,5 ,6 --------से गुणा करने पर प्राप्त भिन्न के समतुल्य भिन्न कहते है , ठीक इसी प्रकार किसी परिमेय संख्या के अंश तथा हर में एक ही पूर्णांक से गुणा करके समतुल्य परिमेय संख्याएँ प्राप्त होती है | जैसे -समतुल्य भिन्न=1 /2 =2 /4 =3 /6 =4 /8 ---------------------
जैसे -समतुल्य परिमेय संख्या =3x 2 /5x 2 =6 /10 =9 /15 =12 /20
किसी भी परिमेय के अंश तथा हर में किसी शून्येतर पूर्णाक से गुणा करने पर उसके समतुल्य अनन्त परिमेय संख्याएँ प्राप्त होती है | जैसे -2 /3 , 2 x 1 /3 x 1 ,2 x 2 /3 x 2 =4 /6 ,2 x 3 /3 x 3 =6 /9 ,ये सभी समतुल्य परिमेय संख्याए है |
किसी भी परिमेय संख्या के अंश तथा हर में शून्य से गुणा करने पर उसके समतुल्य परिमेय संख्या प्राप्त नहीं होती है क्योकि हर या q =0 हो जाता है , जैसे -2 /3 के अंश और हर मे 0 से गुणा करने पर 2 x 0 /3 x 0 =0 /0 प्राप्त होता है जो परिमेय संख्या नहीं है क्योकिq =0
सरलतम रूप का प्रगुण :-| किसी परिमेय संख्याओं के अंश तथा हर में उनके निरपेक्ष मानो के महत्तम समापवर्तक से भाग देने पर परिमेय संख्या के समतुल्य परिमेय संख्या प्राप्त की जाती है |
यदि x /y परिमेय संख्या के अंश x तथा हर y का एक समापवर्तक m है तो x /y = x ÷m /y ÷m ,जो दी गयी परिमेय संख्या का सरल रूप है जब m म०स० है तब x ÷m /y ÷m को सरल करने पर प्राप्त संख्या परिमेय संख्या x /y का सरलतम रूप होता है | उदाहरण -60 /72 परिमेय संख्या है तो सरलतम परिमेय संख्या क्या होगी ?
हल:- 60 = 2 x 2 x 3 x 5
72 = 2 x 2 x 3 x 6
म०स०= 2 x 2 x 3 =12
60 /72= 60 ÷12 /72 ÷12 =5 /6 ,जो सरलतम परिमेय संख्या है
दो क्रमागत पूर्णांको के मध्य परिमेय संख्या ज्ञात करना या संख्या रेखा पर पूर्णाक का निरूपण करना :- __________________________________________________________________________ -3 -2 -1 0 1 2 3 -6/2 -5/2 -4/2 -3/2 -2/2 -1/2 0/2 1/2 2/2 3/2 4/2 5/2 6/2 - C -B -A o A B C उपयुर्क्त संख्या रेखा के दो क्रमांगत पूर्णांकों के बीच की दुरी को दो समान भागो में विभक्त किया जाता है शून्य को निरूपण करने वाले बिन्दू के दाहिनी ओर स्थित क्रमागत धन पूर्णांकों के मध्य बिन्दुओ को A ,B ,C द्वारा निरूपित किया गया है , A ,B ,C ------द्वारा निरूपित परिमेय संख्याए क्रमशः ,1 /2 ,3 /2 ,5 /2 , 0 - बिंदु के बायी ओर स्थित क्रमागत पूर्णांकों के मध्य बिन्दुओ -A , -B -C---------द्वारा निरूपित किया गया है , क्रमशः -1 /2 ,-3 /2 ,-5 /2 ,
शून्य से दायी और बायीं ओर समान दूरी पर है इसलिए इसप्रकार लिख सकते है
OA = -OA
OB = -OB
OC = -OC
इस प्रकार लिख सकते है- 1 =1 /1 =2 /2 =3 /3 =4 /4 =5 /5 =--------------------
2 =2 /1 =4 /2 =6 /3 =8 /4 =10 /5 =------------------
3= 3 /1 =6 /2 =9/3 = 12 /4 =15 /5 =-------------------------
इस प्रकार पूर्णांको 1 ,2 ,3 के समतुल्य परिमेय संख्याएँ क्रमशः 2 /2 ,4 /2 ,6 /3 ,8 /4 ---है अतः 1 ,2 ,3 ---के विपरीत पूर्णांकों क्रमशः -1 ,-2 ,-3 ------ को -2 /2 ,-4 /2 ,-6 /2 ,-8 /2 के रूप में लिखते है |
इस प्रकार उपर्युक्त संख्या रेखा के समस्त अंकित बिन्दुओ द्वारा निरूपित परिमेय संख्याएँ वाये से दाये ओर क्रमशः
-6 /2 , -5/2 ,4 /2 ,-3 /2 ,2 /2 , 1 /2 ,0 /2 ,1 /2 ,2 /2 ,3 /2 ,4 /2 ,5 /2,6 /2 ,-----
इस प्रकार निष्कर्ष निकला कि ---
(1) संख्या रेखा का एक ही बिंदु अनन्त समतुल्य परिमेय संख्याओं को निरूपित करता है
(2 )दो क्रमागत पूर्ण संख्याओं के मध्य अनन्त परिमेय संख्याएँ होती है
किसी परिमेय संख्या जो पूर्णांक नहीं है किन -किन क्रमागत पूर्णांकों के मध्य है पूर्णांक ज्ञात करना :-
उदहारण - 6 /5 दी गयी परिमेय संख्या किन -किन पूर्णांक के मध्य ज्ञात कीजिए |
हल - 6 /5 =1 +1 /5
6 /5 >1
6 /5 बड़ा है 1 से ,इसका तात्यपर्य है कि यह संख्या 1 के बाद आएगी,
पुनः - 2 =2 /1 =2 x 5 /1 x 5 (दी गयी संख्या के हर से ऊपर ,निचे गुणा करे )
=10 /5
10 /5 > 6 /5
10 /5 बड़ा है 6 /5 से इसका तात्पर्य है कि 10 /5 =2 बड़ा है इसलिए 6 /5 ,2 से पहले आयेगी ,इस प्रकार निष्कर्ष ज्ञात हुआ कि संख्या 6 /5 पूर्णांक 1 और 2 के मध्य होगी |
उदहारण - 8 /3 किन दो पूर्णांकके मध्य होगी
हल - 8 /3 =2 +2 /3
8 /3 > 2 से बड़ा है
पुनः 3 =3 /1 =3 x 3 /3 x 1 =9 /3
9 /3 >8 /3
8 /3 ,पूर्णांक 2 और 3 के मध्य होगी |
समान परिमेय संख्याएँ :-
प्रथम विधि - किसी दो परिमेय संख्याएँ के सरलतम रूप प्राप्त करने के लिये ,दि गयी संख्याओं के अंश और हर के निरपेक्ष मानो का म०स० ज्ञात करके ,फिर उतना से अंश और हर में भाग देते है तब सरलतम रूप ज्ञात हो जाता है |
उदहारण -परिमेय संख्याए -8 /12 और 30 /-45 का सरलतम रूप ज्ञात करना |
हल - -8 /12 30 /-45
8 =2 x 2 x 2 30 =2 x 3 x 5
12 =2 x 2 x 3 -45=3 x 3 x 5
म०स०= 2 x 2 =4 म०स०=3 x 5 =15
-8 ÷4/12 ÷4 = -2 /3 , 30 ÷15 /-45 ÷15 = -2 /3
अतः - -8 /12 =-30 /45
द्वितीय विधि - किसी दी गयी दो परिमेय संख्याए के हरो को समान बनाने हेतु दोनों संख्याओं के हरो से भाग दे ,भाग देने पर जो भाग फल आता है उस संख्या से ऊपर -नीचे गुणा करके समान बनाते है|
उदाहरण - -8 /-14 और 12 /21 समानता ज्ञात करो |
हल- दोनो संख्याओं के हर 14 ,21
14 =2 x 7
21 =3 x 7
ल०स० =2 x 3 x 7 =42
42 /14 =3
42 /21 =2
8 x 3 /14 x 3 =24 /42
12 x 2 /21 x 2 =24 /42
दो परिमेय संख्याओं a /b और c /d के समान होने का प्रतिबन्ध ज्ञात करना :-
a /b =c /d या ad =bc
उदाहरण- -15 /25 और -12 /20 की समानता ज्ञात करना है|
हल - -15 /25 = -12/20
-15 x 20 =-12 x 25
-300= -300
अतः -15/25= -12 /20
परिमेय संख्या के सीमित दशमलव :-जैसे 2 /4 =0 . 5,1 /8 =0 . 125 , आदि
आवर्त्त दशमलव संख्या :- जैसे 3 /4 =1.333 ----, 1 / 7 =1 . 428571428571 ------,के रूप में लिखी जा सकती है जो दशमलव संख्या बार -बार है उसे आवर्तक संख्या कहते हैं |
दो परिमेय संख्याओं के बीच अनन्त परिमेय संख्याएँ होती हैं |
जैसे -1 /2 और 1 /3 के बीचअनन्त परिमेय संख्याएँ 1 /6 ,1 /7 ,1 /4 ,1 /5 ,1 /8 ,------------- इत्यादि हैं |
उदहारण- 1 /2 और 1 /3 के बीच 3 परिमेय संख्याए ज्ञात कीजिए
हल - माना a ,b ,c तीन परिमेय संख्याए है |
a =1 /2 (1 /2 +1 /3 )=1 /2 (5 /6 )=5 /12
b =1 /2 (5 /12 +1 /3 )=1 /2 (9 /12 )=9 /24 =3 /8
c =1 /2 (3 /8 +1 /3 )=1 /2 (9 /24 +8 /24 )=1 /2 (17 /24 )=17 /48
a ,b ,c का मान क्रमशः 5 /12 ,3 /8 ,17 /48
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परिमेय एवं अपरिमेय संख्या किसे कहते है , तथा परिमय - अपरिमेय संख्या ज्ञात करने की विभिन विधियों की जानकारी दी गयी है
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